कोरोनावायरसः ट्रैवल एजेंट्स पर दोहरी मार, काम भी गया और नाम भी

Qantas Airways flight QF7474 lifts off during an official farewell event for the Qantas 747 fleet at Sydney Airport in Sydney, Wednesday, July 22, 2020. (AAP Image/Joel Carrett) NO ARCHIVING

Qantas Airways flight QF7474 lifts off during an official farewell event for the Qantas 747 fleet at Sydney Airport in Sydney, Wednesday, July 22, 2020. Source: AAP Image/Joel Carrett

कोरोनावायरस की ट्रैवल इंडस्ट्री पर करारी मार पड़ी है. लेकिन ट्रैवल एजेंट्स तो दोहरी मार झेल रहे हैं.


कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन हुआ. लॉकडाउन के साथ ही देशों और राज्यों की सीमांएं बंद हो गईं. लोगों का आना-जाना बंद हो गया. और एक के बाद एक तमाम काम धंधे प्रभावित हुए. लेकिन जिनका काम-धंधा ही आने-जाने से जुड़ा था, उनका तो सब कुछ बंद हो गया. जैसे कि ट्रैवल इंडस्ट्री.


मुख्य बातेंः

  • कोरोनावायरस की ट्रैवल इंडस्ट्री पर दोहरी मार पड़ी है.
  • ट्रैवल एजेंट्स के पास काम बहुत कम हो गया है और उनके बिजनस मुश्किल में हैं.
  • एयरलाइंस से नाराज लोगों का गुस्सा भी ट्रैवल एजेंट्स को झेलना पड़ता है.
ट्रैवल इंडस्ट्री पर कोरोनावायरस की भारी मार पड़ी है. आकाश ट्रैवल के गगनदीप बताते हैं कि काम पूरी तरह ठप्प हो गया है.

यहां सुनिए, गगनदीप से हुई पूरी बातचीतः
वह कहते हैं, ”एक तो आर्थिक दिक्कत हो गई है जबकि सरकार जॉबकीपर और जॉबसीकर पेमेंट के जरिए व्यापारियों को मदद दे रही है. लेकिन काम बिल्कुल खत्म है. बिल्कुल काम नहीं है. घर पर बैठे बस ईमेल के जवाब दे रहे हैं. रिफंड्स प्रोसेस कर रहे हैं. बिजनस पूरी तरह खत्म हो चुका है.”
A passenger is seen at the Jetstar check -in counter at Sydney Airport, Sydney, Thursday, July 9, 2020. Passengers on a Jetstar flight from Melbourne to Sydney disembarked without a COVID-19 health screening as NSW Health officials were busy with another
A passenger is seen at the Jetstar check -in counter at Sydney Airport, Sydney, Thursday, July 9, 2020. Source: AAP Image/Bianca De Marchi
ट्रैवल एजेंट्स को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है क्योंकि काम तो बंद है ही, साथ ही उन्हें पुराने ग्राहकों की नाराजगी भी झेलनी पड़ रही है क्योंकि वे रिफंड में हो रही देरी से नाराज हैं.

गगनदीप बताते हैं कि गुस्से में ग्राहक सोशल मीडिया पर ट्रैवल एजेंट्स की बुराई करते हैं जिससे भारी नुकसान होता है.

वह कहते हैं, “कई एयरलाइन्स तो ऐसी हैं जो रिफंड दे ही नहीं रही हैं. जैसे मलयेशियाई एयरलाइंस कोई रिफंड नहीं दे रही है. एयरइंडिया रिफंड दे रही है लेकिन कैंसलेशन पेनल्टी ले रही है जबकि इसमें ग्राहक का कोई कसूर नहीं है.”
“ग्राहक अपने पैसों के लिए चिंतित हैं. उन्हें रिफंड मिलेगा या नहीं क्योंकि उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से टिकट खरीदे थे. लेकिन उन्हें जवाब हमें देना होता है. और उनका गुस्सा भी हमें झेलना पड़ता है.”

गगनदीप कहते हैं कि अगले एक साल तक कुछ भी ठीक होता नहीं दिख रहा है और हालात सामान्य होने के बाद भी बिजनस को वापस उसी स्थिति तक पहुंचने में तीन-चार साल लग जाएंगे.

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