इस नये वायरस के बारे में अभी काफी कुछ पता नहीं है लेकिन यह बात सामने आयी है कि बच्चों पर इस बीमारी का असर वयस्कों या बुजुर्गों की अपेक्षा कम दिख रहा है.
मेलबर्न स्थित बाल विशेषज्ञ डॉक्टर राज खिल्लन कहते हैं, "एक कारण यह है कि बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली अभी अपरिपक्व होती है।"
खास बातें
- बच्चों में कोविड-19 के प्रभाव की सीमित जानकारी है।
- बच्चे और वयस्क की प्रतिरक्षा प्रणाली में अंतर होता हैं।
- बच्चों को आसान और रोचक तरीके से वायरस के बारे में समझाएं.
डॉक्टर खिल्लन बताते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यूनिटी कम हो जाती है।
यह वायरस बहुत नया है और इसके बारे में बेहद सीमित जानकारी है. और कोरोनावायरस संक्रमण बच्चों में हल्के रूप में हो सकता है.
वह बताते हैं कि अभी इस पर रिसर्च चल रही है और इसका ठोस प्रमाण भी अभी सामने नही आया है लेकिन जिन्हें बीसीजी का इन्जेक्शन लगा हुआ है , उनमें भी इस वायरस का प्रभाव हल्का है। बीसीजी का टीका भारत जैसे देशों में बच्चों को लगाया जाता था।
डाक्टर खिल्लन कहते हैं, “बच्चे कोरोना से संक्रमित तो होते हैं। चाहे कई बार उनके शरीर में कोई लक्षण नहीं दिखते लेकिन वह बीमारी को एक से दूसरे में फैलाने के लिए वाहक का काम करते हैं. इसीलिये इस संचरण को कम करने के लिए सभी सामाजिक दूरियों, स्वच्छता और अन्य सावधानियों का पालन करना महत्वपूर्ण है।”
बच्चों से इस बारे में कैसे बात करें?

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डॉक्टर खिल्लन की सलाह है कि माता-पिता को अपने बच्चों के साथ इस विषय में खुल कर ईमानदारी से बात करनी चाहिए। बच्चों को बताएं कि वे ठीक रहेंगे।उनकी चिंता दूर करें। उन्हें स्वच्छता और अन्य सावधानियों के बारे में समझाएं जैसे कि खांसते समय मुंह पर कपड़ा रखने की आदत डालें ।
डॉक्टर खिल्लन कहते हैं, “बच्चों के लिये रोल मॉडल बनें और खेल खेल में सफाई और बाकी चीजों को समझायें। उन्हें बतायें कि कैसे वे ख़ुद को और सबको स्वस्थ रख सकते हैं. उन्हें सिखाएं कि हाथ कैसे साफ़ रखें, कैसे हाथ ठीक से धोने हैं। “
ऑस्ट्रेलिया में लोगों को एक-दूसरे से डेढ़ मीटर की दूरी बनाकर रखनी है. चारदीवारी के भीतर चार वर्गमीटर में एक ही व्यक्ति होना चाहिए.
यदि आपको वायरस से संक्रमण का संदेह है तो अपने डॉक्टर को कॉल करें. अस्पताल जाने के बजाय फोन पर संपर्क करें. या फिर राष्ट्रीय कोरोनावायरस हेल्थ इन्फॉर्मेशन हॉटलाइन से 1800 020 080 पर संपर्क करें.
यदि आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है या कोई अन्य इमरजेंसी है तो 000 पर कॉल करें.