ख़बरों के मुताबिक चीन, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, इंग्लैड और अमेरिका सहित कई देशों ने जीपीएस लोकेशन और कहीं कहीं लोगों से प्राप्त किए गए डेटा के ज़रिए कोरोनावायरस से लड़ने की रणनीति बनाई.
भारत में जारी किए गए एक एप का नाम आरोग्य-सेतु रखा गया है.
ये एप एंड्रॉयड और एप्पल दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है. और इसे गूगल प्ले स्टोर, और एप्पल के एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.
इस तरह के सवालों और इस एप के इस्तेमाल को लेकर हमने बात की सीनियर आई कंसल्टेंट शिवांशु अस्थाना से.
इस एप के पीछे भारत सरकार के मक़सद के बारे में शिवांशु कहते हैं कि कई और देशों की तरह भारत ने भी इस तरह की एप की क़वायद शुरू की है जो कि लोगों से प्राप्त डेटा के आधार पर संक्रमित लोगों के बारे में जानकारी देगा.

Source: Supplied/ Shivanshu Asthana
कैसे काम करेगा आरोग्य-सेतु एप
शिवांशु बताते हैं कि इस एप को डाउनलोड करने के बाद यूज़र को इसे लोकेशन ट्रैक करने की अनुमति देनी होगी साथ ही ब्लूटूथ के इस्तेमाल की भी.
एप डाउनलोड करने के बाद इसमें लोगों को अपनी जानकारी भी देनी होगी.
इसमें सवालों की एक लंबी सूची होगी जिसमें लोगों से उनकी यात्रा से लेकर उनके स्वास्थ्य के लक्षणों के बारे में सवाल पूछे जाएंगे.
वो कहते हैं, "इसमें लोगों से पूछा जाएगा कि क्या आपने पिछले 14 दिनों में विदेश यात्रा की है, या फिर क्या आप किसी संक्रमित शख्स के संपर्क में आए हैं. क्या आपको खांसी, बुखार जैसे लक्षण हैं."
क्या जानकारी मुहैया कराएगा ये एप
इस एप के ज़रिए दावा ये किया जा रहा है कि ये लोगों को ये बताएगा कि वो पिछले कुछ दिनों में किसी संक्रमित शख्स से तो नहीं मिले थे.
या फिर ये इस बात की भी जानकारी देगा कि आपके आस पास कोई संक्रमित तो नहीं है.
या फिर आस पास के ज्यादा संक्रमण वाले इलाके की जानकारी भी आपको देगा.
हालांकि शिवांशु कहते हैं कि इसके लिए ये एप लोगों द्वारा अपने बारे में दी गई जानकारी पर निर्भर करेगा.
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कोविड-19 से लड़ने के लिए भारत सरकार का मोबाइल एप
SBS Hindi
07:39
एप को लेकर उठ रहे हैं सवाल
हालांकि अब इस एप को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं सवाल हैं आम लोगों की निजता को लेकर और इस बात को लेकर भी कि कोविड-19 की महामारी का दौर गुज़र जाने के बाद सरकार इस डेटा का क्या करेगी.
सुरक्षा के सवाल पर शिवांशु कहते हैं कि डेटा की सरक्षा के बारे में कुछ भी कह पाना मुश्किल होगा.
वो कहते हैं कि इससे पहले आधार से जुड़ा डेटा लीक होने का मामला भी सामने आ चुका है.
भारत में एक और चिंता इस वक्त ये भी है कि संक्रमण फैलने और हिंसा के कई मामलों में कुछ समुदायों के नाम सामने आ रहे हैं.
बड़ी बात ये है कि सरकारी तंत्र और भारतीय मीडिया के ज़रिए समुदायों के नाम सामने आ रहे हैं.
ऐसे में चिंता ज़ाहिर की जा रही है कि इस एप से कहीं संक्रमित लोगों की पहचान तो सामने नहीं आएगी क्योंकि ऐसा होने पर सामाजिक तौर पर ये एप बड़ी मुश्किल बन सकता है.
शिवांशु कहते हैं कि सरकार को कानून व्यवस्था पर नकेल कसनी होगी साथ ही जागरुकता बढ़ानी होगी.