एसबीएस हिन्दी से बात करते हुये डा रैना ने कहा कि थिएटर एक जीवंत कला है और अपने इतिहास से, अपनी संस्कृति से जुड़ने का एक बहुत अच्छा तरीका है। थियेटर हो या सामुदायिक थियेटर, यह लोगों को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सामुदायिक थिएटर को सामयिक बनाने के लिये डा रैना ने आधुनिक तकनीकी का प्रयोग यानि सबटाइटलिंग पर जोर दिया।
सामुदायिक थिएटर से दुनिया भर में विभिन्न संस्कृतियों के बारे में जाना जा सकता है। ऐसा करने से हमें एक दूसरे से सीखने और समझने में मदद मिल सकती है, ताकि हम भविष्य में और भी आगे बढ़ सकें।Dr Arjun Raina
रंगमंच पर पर्दा उठता है और एक कहानी जीवंत होती है।

Theatre performance of Tiriya Chariter in India Credit: Supplied by Arun Singh/ India Inside Patrika
"सामुदायिक रंगमंच स्थानीय लोगों को एक मंच प्रदान करता है जिसमें आप बिना किसी डर के खुद को अभिव्यक्त कर सकते हैं - कुछ ऐसा जिसकी हमें आवश्यकता है। यह प्रवासियों की समस्याओं, जीवन के उतार-चढ़ाव , सामाजिक मुद्दों पर बात करने में मदद कर सकता है।"
अपनी बातचीत के दौरान थियेटर के विभिन्न रूपों के साथ साथ, संवाद अदायगी और नाट्यशास्त्र वर्णित भावों की अभिव्यक्ति का प्रदर्शन भी किया।
लंदन एकाडमी ऑफ म्यूजिक एंड ड्रमेटिक आर्यस् , यू के, से शिक्षित डा अर्जुन रैना ने ऑस्ट्रेलिया में थियेटर और परफार्मेन्स में पी एच डी की है। वह यूनिवर्सिटी, ड्रामा स्कूल टीचर, अभिनेता, निर्देशक कथकली डांसर, नाटककार और वॉयस ट्रेनर हैं। आस्ट्रेलिया आने से पहले वह यूरोप, अमेरिका और भारत में थियेटर और फिल्मों में सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं और उन्हें कई एवार्डस् भी मिले हैं।
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