Key Points
- बुनी हुई चीजें बुनकर, देश और पूर्वजों के बीच एक ठोस कड़ी हैं।
- बुनाई जागरूकता और सामाजिक जुड़ाव के लिए की जाती है।
- बुनकरों की एक अपनी निजी शैली हो सकती है जो उनके काम की पहचान कराती है।
- पुरुष और महिला दोनों ही बुनाई करते हैं।
बुनी हुई वस्तुएं उतनी ही विविध हैं जितनी उन्हें बनाने वाले प्रथम राष्ट्र के बुनकर। प्रत्येक कार्य एक महत्व की वस्तु है जो बुनकर, देश और उनके पूर्वजों के बीच एक स्पष्ट रिश्ता बनाता है।
बुनाई स्थानीय संसाधनों जैसे नरकट, छाल और पौधों को इकट्ठा करने और तैयार करने से शुरू होती है। इन्हें एक पैटर्न से टोकरियाँ, कटोरे, रस्सी और जाल जैसी जटिल वस्तुएँ बनाने के लिए बुना जाता है।
“बुनाई अंग्रेजी में सिर्फ एक शब्द है। मूल लोगों की मातृभाषा में इसके लिए बहुत सारे अलग-अलग शब्द हैं,'' चेरी जॉनसन कहती हैं। वह उत्तरी एनएसडब्ल्यू की एक घमेहरॉय
महिला, कलाकार और शिक्षिका हैं।
"जिसे हम बुनाई कहते हैं, उसके बारे में वास्तव में महत्वपूर्ण बात वह सांस्कृतिक ज्ञान है जो वस्तुओं में निहित है - यह जानना कि कौन से पौधे चुनना है, वर्ष का कौन सा समय हो, और यह भी कि वास्तव में टिकाऊ तरीके से खाने के लिए फसल के लिए क्या उपलब्ध है।"

ADELAIDE, AUSTRALIA: An Indigenous weaving workshop takes place in The Precinct Village an AFLW match. Credit: Kelly Barnes/AFL Photos/via Getty Images
बुनाई लोगों को जोड़ती है
बुनाई का मतलब केवल सिलाई और इसको सीखना नहीं है।
विभिन्न पीढ़ियाँ एक साथ बैठती हैं और लोग बुनाई क्यों करते हैं इसके पीछे के सांस्कृतिक ज्ञान और अनुभव को सीखते हैं।
“महत्व वास्तव में यह समझने में है कि आपने क्या बुना है, वे वस्तुएँ महत्वपूर्ण क्यों थीं, जो वस्तु आप बना रहे हैं उसका उपयोग किस लिए किया गया था, इसका सही तरीके से उपयोग कैसे किया जाए। इसमें बहुत कुछ शामिल है,” सुश्री जॉनसन कहती हैं।
हाँ - पुरुष भी बुनाई करते हैं
लूक रसल, एनएसडब्ल्यू के न्यूकासल क्षेत्र में वरिमी कस्टोडियन हैं। उनके अभ्यास में पारंपरिक छाल डोंगी, मछली पकड़ने के भाले और अन्य चीजों को बनाने के माध्यम से अपने बुजुर्गों के उस ज्ञान को सीखना और आगे बढ़ाना शामिल है।
मेरे लिए, बुनाई, मुख्य रूप से रस्सी की बुनाई, एक बड़ी भूमिका निभाती है, खासकर हमारे पुरुषों के औजारों में।Luke Russell, Cultural Knowledge Holder
वह अपनी डोंगी के सिरों को सुरक्षित करने या बुनी हुई रस्सी से औजारों को बांधने के लिए परिष्कृत बुनाई तकनीकों का उपयोग करते है।
बचपन से लेकर किशोरावस्था तक, लड़के पारंपरिक रूप से अपनी माँ की और के बड़ों तथा उस सांस्कृतिक धरोहर के साथ समय बिताते थे और लड़कियों के साथ बुनाई करना सीखते थे।
श्री रसेल कहते हैं, "एक युवा व्यक्ति के लिए, विशेष रूप से जिसको सिखाया जा रहा है, यानि एक लड़के से एक आदमी बनाना, यह तब होगा जब उसे उन सभी कौशलों की जानकारी होगी। और वह सब कौशल सीखा होगा, जो उन महिलाओं द्वारा सिखाया गया था।"

Credit: Richard I'Anson/Getty Images
एक मेडिटेशन के रूप में बुनाई
चेरी जॉनसन अपने विचारों को दिखाने के लिए बुनाई का उपयोग करती हैं। वह इरादे से बुनाई करके और अपने विचारों को उस वस्तु में डालकर एकाग्रता का अभ्यास करती है।
वह कहती हैं, ''इसी तरह हमारा समुदाय चीजों को संसाधित करेगा।''
“हम उन्हें एक परिवार के रूप में प्यार से और वास्तव में सम्मानजनक तरीके से संसाधित करेंगे, और बुनाई यही करती है। यह लोगों को बैठने, सूत बुनने के लिए एक साथ लाता है। कभी-कभी हमारे बुनाई मंडलों में लोग सिर्फ चाय पीने, और दूसरी बहनों के आसपास रहने के लिए आते हैं।
शैलीगत अंतर
घास और छाल जैसे पौधों के संसाधन पूरे देश में अलग-अलग हैं, इसलिए बुनाई शैलीगत रूप से एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होती है।
लेकिन बुनकर अपने काम में अपना स्वभाव और सिग्नेचर स्टाइल लाते हैं।
एक तरीका है फूलों, छालों, रसों या जड़ों से प्राप्त स्थानीय पिगमेंटस्र् का उपयोग।
चेरी जॉनसन का कहना है, "बुने हुए फाइबर को रंगने के लिए एक कलाकार द्वारा एक खास पिगमेंट का प्रयोग, उस व्यक्ति के लिए, उस क्षेत्र के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण है।"
आमतौर पर कोई भी प्रशिक्षित व्यक्ति रंग, शैली, सिलाई और सामग्री के आधार पर क्षेत्र और कभी-कभी कलाकार का भी चयन कर सकता है।Cherie Johnson, artist and educator
कभी-कभी, आप बुनाई के आधार को देखकर कलाकार की पहचान कर सकते हैं।
कलाकार नीफाय डेनहम उत्तरी क्वींसलैंड के कार्डवेल क्षेत्र के गीरमाय पारंपरिक मालिक हैं। उनके अंकल ने उन्हें बुनाई करना सिखाया।
श्री डेन्हम कहते हैं, "मेरे सहित हमारे कई कलाकार, हम [बुनाई] की शुरुआत अलग ढंग से करते हैं।"
“इस तरह आप इसके आधार से बता सकते हैं कि यह बाएँ या दाएँ हाथ की बुनाई है। तो आप वास्तव में बता सकते हैं कि किसने क्या बनाया है।”

Credit: Richard I'Anson/Getty Images
क्या हम शामिल हो सकते हैं?
कैसी लेथम विक्टोरिया में कुलिन राष्ट्र के तुंगएरॉंग लोगों की एक बहु-विषयक कलाकार और मास्टर बुनकर हैं। वह प्रथम राष्ट्र के नेतृत्व वाली कार्यशालाओं को चलाती है जो गैर-स्वदेशी लोगों के लिए हैं।
प्रथम राष्ट्र के बुनकर कहां से आते हैं और उनके पूर्वजों से क्या संबंध है, इसकी बेहतर समझ को बढ़ावा देने के लिए वहाँ शामिल लोगों से बात को गहराई से सुनने समझने का आग्रह किया जाता है।
सुश्री लीथम कहती हैं, "यह महत्वपूर्ण है कि वे जानें कि ये कार्यशालाएँ प्रथम राष्ट्र के नेतृत्व में होनी चाहिए, और उन्हें यहाँ ऑस्ट्रेलिया में हमारे ज्ञान की सांस्कृतिक बौद्धिक संपदा के महत्व को आत्मसार करना चाहिए।"
यह प्रोटोकॉल का सम्मान करने के बारे में है। हमने जो सीखा है उसे हम सभी साझा कर सकते हैं, लेकिन हमें इससे लाभ नहीं उठाना चाहिए - और हमें हमेशा अपने प्रथम राष्ट्र शिक्षकों को अंगीकार या अभिस्वीकार करना चाहिए।
आप फर्स्ट नेशंस के नेतृत्व वाले बुनाई समुदायों और बुनाई उत्सवों को ढ़ूढ़ सकते हैं जो सभी के लिए खुले हैं। कार्यशालाओं को अक्सर स्थानीय परिषदों के माध्यम से, सोशल मीडिया पर और मौखिक रूप से प्रचारित किया जाता है।
मुख्यधारा में उनकी प्रदर्शनी
निजी और सार्वजनिक स्थानों और यहां तक कि फैशन रनवे पर कमीशन कार्यों के रूप में की गयी बुनाई को पूरे ऑस्ट्रेलिया में प्रमुख और छोटी दोनों ही गैलरियों में प्रदर्शित और बेचा जाता है।
यह महत्वपूर्ण है कि गैलरी प्रथम राष्ट्र की संस्कृतियों और वातावरणों की विविधता को प्रदर्शित करें।
कैसी लीथम कहती हैं, "बुनाई का मुख्यधारा में होना , वास्तव में उस अतीत में झांकने की बात है, जो अब वर्तमान है, और हम सभी बुनकर अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे जारी रख रहे हैं।"
“इसलिए जब लोग गैलरियों में जाते हैं, तो लोगों को यह महसूस करने की ज़रूरत होती है कि हमारी बुनाई पूरे ऑस्ट्रेलिया में है, और हर किसी के पास बुनाई या फाइबर के साथ सांस्कृतिक रूप से एक महत्वपूर्ण कहानी है। यह सब एक जैसा भी नहीं है।”