एसबीएस हिंदी के साथ बात करते हुए, श्री देसाई ने 'सुर' और 'लय' की उन तकनीकी बारीकियों के बारे में बताया जिसे पंडित शिव कुमार शर्मा ने सफलतापूर्वक इस प्राचीन संगीत वाद्ययंत्र में शामिल किया।, जैसे कि इस वाद्य में गायिकी अंग ।
फ्यूजन संगीत के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि वह सिर्फ शास्त्रीय संगीत पर ही ध्यान लगाना चाहते हैं और इसी पर ही सीमित रहना पसंद करते हैं।
उनका मानना है कि बदलते समय के साथ संगीत भी बदल रहा है। और हर समय एक सा संगीत नहीं सुना जाता। फ्यूजन में कुछ गलत नहीं है क्योंकि यह भी संगीत की एक शैली है।
"जो लोग फ़्यूज़न करते हैं, उन्हें भी क्लासिकल संगीत का ज्ञान होता है क्योंकि बिना उस ज्ञान के संगीत की रचना नहीं हो सकती।", श्री देसाई ने कहा।

Artists during a Melbourne Concert Source: Supplied / Jay Dabgar
अमेरिका में रह रहे श्री विनय देसाई आजकल ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं।
मंच पर तबले पर उनकी संगत कर रहे हैं मेलबोर्न के तबला वादक जय डबगर ।
जय दबगर, शास्त्रीय हिंदुस्तानी के साथ-साथ फ्यूजन संगीत के लिये भी तबले की दुनिया में एक प्रसिद्ध लोकप्रिय नाम हैं। उन्होंने तबले पर भारत के कई महान संगीत कलाकारों के साथ संगत की है।
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