ऑस्ट्रेलिया की नागरिक सतिंदर को तब एक गहरा झटका लगा जबकि उन्हें पता चला कि उनके पति सुमित को वीज़ा नहीं मिला है. सतिंदर को लगा था कि उनके पति के साथ वर्षों से चली आ रही दूरी अब ख़त्म होगी लेकिन ये खबर उनके लिए एक झटके की तरह थी.
इस डॉक्यूमेंट्री 'Who Gets to stay in Australia' को फ़िल्माने के दौरान उन्होंने कहा कि इस सबके लिए गृह मंत्रालय को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
मुख्य बातें:
- सतिंदर अपने पति के लिए वीज़ा का इंतज़ार कर रही थीं लेकिन विभाग द्वारा उनके रिश्ते पर ही सवाल उठाया गया. हालांकि अब उन्हें पार्टनर वीज़ा दिया गया है.
- वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी से एसोसिएट प्रोफेसर शांति रॉबर्ट्सन कहती हैं कि ऑस्ट्रेलिया का माइग्रेशन सिस्टम दुनिया के सबसे जटिल सिस्टम में से एक है.
- गृहमंत्रालय का कहना है कि वीज़ा की प्रक्रिया उसी क्रम में होती है जिस क्रम में उन्हें प्राप्त किया जाता है. लेकिन हर आवेदन की स्थिति के मुताबिक इसमें समय लगता है.
इतने लंबे समय से दूर रहने के बाद डिपार्टमेंट ने उनसे पूछा है कि क्या सुमित के साथ उनका संबंध वास्तविक है.सतिंदर कहती हैं कि उनकी मानसिक स्थिति इतनी खराब दौर से गुज़र रही थी कि उन्हें इस स्थिति से उबरने के लिए पेशेवर सहायता लेनी पड़ी और वो ऐसी स्थिति में दूसरों को भी ऐसा ही करने की सलाह देती है.
हालांकि अब अपील करने पर उनेके रिश्ते को मान लिया गया है.
इमिग्रेशन वकील युन चेन कहती हैं कि उन्हें अब पार्टनर वीज़ा दिया गया है. सुश्री चेन कहती हैं कि ऑस्ट्रेलिया में इमिग्रेशन कानून जटिल है.
वो कहती हैं,"आवेदन करने के कुछ वक्त बाद विभाग कहता है कि हम इस बात पर विश्वास नहीं करते हैं कि आप अभी भी एक दूसरे के संबंध में हैं. क्योंकि दिए गये साक्ष्यों से वो संतुष्ट नहीं हैं. इससे परेशानी पैदा होती है. और मानसिक स्वास्थ्य एक दिन में नहीं गिरता ये धीमी और लंबी प्रक्रिया है."
हालांकि वो मानती हैं कि इस जोड़े के मामले में वीज़ा प्रक्रिया का समय सामान्य से ज्यादा था.
मैलबर्न में मनोचिकित्सक मुरादिए सेल्वी खासतौर पर सामुदायिक सेवाएं देती हैं, वो बताती हैं कि उनके पास कई प्रवासी लोग मानसिक स्वास्थ्य के लिए सहायता लेने आते हैं.
वो कहती हैं कि जब लोगों को स्थायी वीज़ा नहीं मिलता है तो वो इसके लिए दोबारा कोशिश करते हैं और कई लोगों को इससे आर्थिक मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है.
पार्टनर वीज़ा के लिए अभी लोगों को 7 हज़ार 715 डॉलर खर्च करने होते हैं जिनमें से 90 फीसदी बाहर से आने वाले आवेदनों की प्रक्रिया में 18 महीने का सम. लगता है.
सुश्री सेल्वी कहती हैं कि वो एक ऐसे शख्स को जानती थीं जिसने वीज़ा आवेदन निरस्त होने पर अपनी जान ले ली थी.
ऑस्ट्रेलिया में स्थायी वीज़ा के लिए आवेदन करने वाले करीब 25 हज़ार लोगों का आवेदन हर साल ठुकरा दिया जाता है.
वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी से एसोसिएट प्रोफेसर शांति रॉबर्ट्सन कहती हैं कि ऑस्ट्रेलिया का माइग्रेशन सिस्टम दुनिया के सबसे जटिल सिस्टम में से एक है.
वो कहती हैं,"इनमें से खी वीज़ा के लिए इंतज़ार का समय अनिश्चित है और यहीं से परेशानी शुरू होती है. लोग इस बारे में कुछ भी नही जानते कि उनका वीज़ा स्वीकार होगा या नहीं और ये बात उन्हें मानसिक तौर पर मुश्किल में डालती है."
शांति कहती है कि कई मामलों में ऐसे लोगों की बसी बसाई ज़िंदगी भी प्रभावित होती है जो पहले से ही किसी अस्थायी वीज़ा पर ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हैं.
अपने एक बयान में गृह विभाग ने कहा है कि वीज़ा के आवेदनों पर सामान्य तौर पर उस क्रम में काम होता है जिस क्रम में उन्हें प्राप्त किया जाता है. और इनमें लगने वाला समय किसी आवेदक की परिस्थितियों और आवेदन की जटिलता पर निर्भर करता है. उदाहरण के तौर पर उनकी पहचान, स्वास्थ्य, चरित्र और राष्ट्रीय सुरक्षा का आंकलन
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि सरकार उन मानसिक स्वास्थ्य सेवा देने वालों की सहायता कर रही है जो कि सांस्कृतिक और भाषाई तौर पर भिन्न समुदायों को मदद करते हैं इनमें प्रवासी भी शामिल हैं.
जो भी श्रोता अगर इस बारे में मदद चाहते हैं तो लाइफलाइन क्राइसिस सपोर्ट को 13 11 14 पर या सुसाइड कॉल बैक सर्विस को 1300 659 467 पर संपर्क कर सकते हैं.
ऑस्ट्रेलिया में लोगों को आवश्यक तौर पर एक दूसरे से 1.5 मीटर की दूरी बनाए रखनी चाहिए.
लोगों के एक जगह पर एकत्र होने की सीमा के लिए अपने राज्य के प्रतिबंधों को देखें.
अगर आप बुखार या जुक़ाम जैसे लक्षणों का सामना कर रहे हैं, तो अपने घर पर ही रहें और अपने डॉक्टर को कॉल करके परीक्षण की व्यवस्था करें. या कोरोना वायरस स्वास्थ्य सूचना हॉटलाइन को 1800 020 080 पर संपर्क करें.