ऑस्ट्रेलिया की बात करें तो बड़े-बड़े अस्पतालों से लेकर छोटे नर्सिंग होम तक और एज्ड केयर होम से लेकर कम्यूनिटी सर्विस तक स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मचारी हर जगह तैनात हैं.
लेकिन इन विषम परिस्थितियों में वो किस तरह काम कर रहे हैं.
सीधे कोरोना वायरस के मामलों से जुड़े लोगों की तस्वीरें तो आपने देखी होंगी.
लेकिन वो कर्मचारी जो सामान्य तौर पर अपना काम कर रहे हैं इस अंदेशे में कि उनके पास आने वाला कोई भी शख्स कोरोना से संक्रमित हो सकता है.
वो लोग कैसे काम कर रहे हैं या फिर सुरक्षा के लिहाज़ से उनके काम करने के तरीके में किस तरह का परिवर्तन आया है.

Dr. Manmeet Madan, GP Westmead Medical Centre Source: Supplied
टैली हेल्थ का प्रयोग कर रहे हैं मेडिकल सेंटर
डॉक्टर मनमीत मदान वेस्टमीड मेडिकल सेंटर के संचालक हैं.
वो कहते हैं कि कोविड-19 की महामारी के बाद उनके सेंटर के कामकाज में सबसे बड़ा बदलाव ये आया है कि लगभग सारे काम को टेलीहेल्थ में तब्दील कर दिया है.
वो कहते हैं कि इससे उनके डॉक्टरों, कर्मचारियों और यहां तक कि मरीज़ों को भी संक्रमण से बचाव में मदद मिलेगी.
कुछ ऐसी ही बात रूटी हिल मेडिकल एंड डेंटल सेंटर से डॉक्टर विनय मेहरा भी कहते हैं.
वो बताते हैं कि वो सरकार द्वारा सुझाए गए सोशल डिस्टेंसिंग को लागू कर रहे हैं.
वो कहते हैं, "जैसे पहले लोग मेडिकल सेंटर में आम तौर पर चले जाते थे, अब उन्हें फोन कॉल बुक करने के लिए कहा जा रहा है और फिर समय के मुताबिक डॉक्टर उन्हें कॉल करके परामर्श देते हैं."
डॉक्टर मनमीत मदान कहते हैं कि जो मरीज़ उनके सेंटर में आ ही जाते हैं तो उनके लिए एक ख़ास कमरे में चिकित्सकीय इंतज़ाम किए गए हैं.
और अगर किसी में कोरोनावायरस से संबंधित लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें अस्पताल भेज दिया जाता है.
नहीं हो रही हैं सामान्य सर्जरी
डॉक्टर मदान बताते हैं कि इन दिनों सामान्य सर्जरी और परीक्षण नहीं किए जा रहे हैं इसलिए वो लोगों को सलाह देना चाहते हैं कि सामान्य परेशानियों के लिए वो कुछ इंतज़ार करें. ज़ाहिर हैं ये कदम संक्रमण के ख़तरे को कम करने और चिकित्सा संबंधी सामानों को बचाने के लिहाज़ से उठाया गया है.

Dr. Vinay Mehra, GP Rooty Hill Medical and dental Centre Source: Supplied
स्वास्थ्यकर्मियों को है संक्रमण का ख़तरा
स्वास्थ्य क्षेत्र में काम कर रहे ज्यादातर कर्मचारी सीधे तौर पर पहली पंक्ति में काम कर रहे हैं.
ज़ाहिर है कोविड-19 से संक्रमण का उन्हें सबसे ज्यादा खतरा भी है.
संक्रमण के ख़तरे के इस सवाल पर डॉक्टर विनय मेहरा कहते हैं कि स्वास्थ्यकर्मी चाह कर भी सोशल डिस्टेंसिंग नहीं कर पाते हैं क्योंकि उन्हें अनेकों तरीके के परीक्षण करने पड़ते हैं जिसमें मरीज़ों को सीधे छूना भी शामिल होता है.
हालांकि उन्हें पीपीई जैसे संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं लेकिन ख़तरा फिर भी है.
वातावरण में तनाव है
डॉक्टर मनमीत मदान कहते हैं कि स्वास्थ्य कर्मियों को ख़तरा केवल कोविड-19 का ही नहीं हैं.
बल्कि इन दिनों ज्यादा काम और काम के ख़तरे को देखते हुए तनाव भी ज्यादा है.
स्वास्थ्य कर्मियों में चिंता और तनाव को लेकर डॉक्टर विनय मेहरा कहते हैं कि ये चिंता केवल अपने स्वास्थ्य को लेकर नहीं है बल्कि बीमार होने की दशा में स्टाफ की कमी को लेकर भी है.
क्योंकि अगर कोई स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हो जाता है तो उसे ही नहीं बल्कि उसके आस पास के लोगों को भी एकांतवास में रहना होगा और ऐसी स्थिति में कार्यबल की कमी का भी ख़तरा है
डॉक्टर मदान कहते हैं कि सरकार कोविड-19 से निपटने के लिए कारगर कदम उठा रही है लेकिन वो चाहते हैं कि लोग भी अपनी ज़िम्मेदारी बखूबी निभायें क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है.
People in Australia must stay at least 1.5 metres away from others and gatherings are limited to two people unless you are with your family or household.
If you believe you may have contracted the virus, call your doctor, don’t visit, or contact the national Coronavirus Health Information Hotline on 1800 020 080.
If you are struggling to breathe or experiencing a medical emergency, call 000.