कोरोना का क़हर यूं तो पूरी दुनिया का परेशान कर रहा है लेकिन अमेरिका में हालात सबसे ज्यादा ख़राब हैं. हालांकि लोग अब सरकार से लॉकडाउन खोलने की मांग भी कर रहे हैं लेकिन क्या ऐसा करना अमेरिका के हित में होगा इस सवाल का जवाब अभी भी वहां की सरकार को खोजना है. लोगों की हताशा का अंदाज़ा आप ऑस्ट्रेलिया की स्थिति से लगा सकते हैं. जहां हालात नियंत्रण में हैं लेकिन बावजूद इसके लोग लॉकडाउन को लेकर संयम खो रहे हैं.
अमेरिका में रहने वाले भारतीय क्या सोचते हैं वहां की स्थिति को लेकर.. कैसे वो इस स्थिति से निपट रहे हैं और क्या वो भी लॉकडाउन खोले जाने के पक्ष में हैं. इसके लिए हमने बात की अमेरिका के अलग-अलग प्रांत में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों से.

Source: Supplied / Ahilpa Pundir
"स्थिति भयावह है"
शिल्पा पुंडीर 2 साल पहले ही भारत से अमेरिका के कैंटकी प्रांत के लुइज़विल पहुंची हैं इससे पहले वो भारत में एक टीवी संस्थान में 10 वर्षों तक एक पत्रकार के तौर पर काम कर चुकी हैं. और अमेरिका में भी कुछ वेब पोर्टल के लिए काम करती हैं.
शिल्पा बताती हैं कि अमेरिका में हालात डरावने हैं. वो कहती हैं कि कुछ दिनों पहले ही उन्होंने अमेरिका में कुछ जगहों की यात्रा की थी तब हालात इतने सामान्य थे कि जैसे कुछ हो ही नहीं रहा हो. वो मानती हैं कि यहीं सरकार से ग़लती हुई है. वो शुरूआती दौर था. और तभी कुछ कर लिया गया होता तो शायद वर्तमान जैसे हालात ना होते. वो कहती हैं.
"शुरू के दो सप्ताह बहुत महत्वपूर्ण थे. अगर सरकार ने तभी सही कदम उठा लिए होते तो हालात सुधर सकते थे."
शिल्पा कहती हैं कि उनके राज्य केंटकी में हालांकि हालात उतने बुरे नहीं हैं लेकिन फिर भी वो जितना संभव हो सके घर पर रहने की कोशिश करते हैं. वो कहती हैं कि उन्होंने ये कभी नहीं सोचा था कि अमेरिका जो कि दुनिया की महाशक्ति कहलाता है यहां इस तरह के हालात हो जाएंगे. वो मानती हैं कि कोराना वायरस के डर ने लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है. जिससे लोगों में अब निराशा बढ़ रही है.
मदद के लिए आगे आया है भारतीय समुदाय
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय ने प्रभावितों की काफी मदद की है. अमेरिका की स्थिति के बार में शिल्पा बताती हैं वहां पर भी भारतीय समुदाय के लोगों ने वह्ट्सएप ग्रुप बनाए हैं. ताकि कोरोना से जुड़ी जानकारियों लोगों तक जल्द से जल्द पहुंच सकें. ये ही नहीं भारतीय समुदाय के कई लोग वहां ज़रूरतमंदों को खाना मुहैया कराने का काम भी कर रहे हैं.

Mahabir Bhandari, Scientist, Oak Ridge National Laboratory US Source: Supplied/ Mahabir Bhandari
बच्चों को हो रहा है पढ़ाई का नुकसान
अब मिलिए अमेरिका के टेनिसी प्रांत के नोक्सविल में रहने वाले महाबीर भंडारी से. महाबीर ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी में एक वैज्ञानिक हैं. और अमेरिका में करीब 20 सालों से रह रहे हैं. वो कहते हैं कि यूं तो उनके काम पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ा है क्योंकि वो घर से काम कर सकते हैं लेकिन वो कई ऐसे लोगों को जानते हैं जिन पर कोविड-19 महामारी का व्यापक असर हुआ है.
हालांकि वो मानते हैं कि उनके बच्चों की पढ़ाई में ज़रूर परेशानी हो रही है क्योंकि उनके प्रांत में ऑन-लाइन कक्षाएं नहीं चल रही हैं. जिससे पढ़ाई फिलहाल ठप है. वो कहते हैं.
"यहां पर बच्चे आसानी से ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं. लेकिन प्रशासन ऐसे नहीं कर रहा क्योंकि उसके पीछे एक कारण है. कुछ बच्चे ऐसे हो सकते हैं जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं हो ऐसे में उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता, क्योंकि ये भेदभावपूर्ण होगा. इसलिए ऑनलाइन कक्षाएं नहीं चलाई जा रही हैं."
सामाजिक जीवन पर भी पड़ा असर
महाबीर बताते हैं कि सामाजिक जीवन में भी इसका ख़ासा असर पड़ा है. वो बताते हैं कि शॉपिंग मॉल में पूरे परिवार के साथ जाने की मनाही है. हालांकि वो अपने जानने वालों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बात कर लेते हैं. हालांकि वो कहते हैं कि घरों से बाहर निकलने पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है और लोग आसानी से आ जा सकते हैं.
वो बताते हैं कि अमेरिका में लॉकडाउन जैसा शब्द प्रयोग नहीं किया जा रहा है. क्योंकि यहां पर लोगों को एडवाइज़री जारी की जा रही है.
"राजनीतिक हैं लॉकडाउन विरोधी प्रदर्शन"
अमेरिका में अब लॉकडाउन खोले जाने को लेकर हो रहे प्रदर्शन खबरों में हैं लेकिन महाबीर मानते हैं कि ये प्रदर्शन आम लोगों के भावना कम बल्कि राजनीतिक ज्यादा हैं. उन्होंने हमें बताया कि ये प्रदर्शन ज्यादातर उन्हीं राज्यों में हो रहे हैं जहां डैमोक्रेटिक गवर्नर हैं.
महाबीर बताते हैं कि अमेरिका में भारतीय समुदाय का एक बड़ा तबका व्यापारियों का है जिनका मुख्य व्यवसाय रेस्टोरेंट, मोटेल और गैस स्टेशन हैं. ज़ाहिर तौर पर ये लोग अपना कारोबार जल्द से जल्द शुरू करना चाहते होंगे क्योंकि इन्हें काफी नुकसान हो रहा है.
हालांकि उन्हें उम्मीद है कि हालात सुधरेंगे और जल्द की सामान्य दिनचर्या शुरू होगी.