‘अंधा युग’ भारतीय रंग मंच का एक महत्वपूर्ण नाटक है। एसबीएस हिन्दी के साथ इस बातचीत में निर्देशक हेम तिवारी और एक कलाकार गोपाल गंवानी ने अपने अनुभव साझा किये। इसके साथ ही साहित्यकार भारती जी की लेखनी पर प्रकाश डालते हुये, इसके मंचन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

नाटक अंधा युग के कलाकार - विनय निगम ( विदुर), अंशू अदेकर (गांधारी) सचिन देसाई (संजय) Source: Supplied / Khelaiya Productions

मेलवर्न में नाटक अंधा युग के मंचन में अश्वथामा की भूमिका में निर्देशक हेम तिवारी Source: Supplied / Khelaiya Productions
नाटक के अन्य कलाकार रहे जया बर्जड और सुनील चलिसगांवकर जिन्होंने क्रमश: याचक और कृतवर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका निभायी । हरसिद्धी मोदी जिन्होंने इस नाटक को प्रड्यूस किया, इसका प्रभावशाली संगीत भी तैयार किया। संदीप चौधरी, रचना गुप्ता और चिन्मय गुप्ता का इस मंचन के विभिन्न पहलुयों पर योगदान सराहनीय रहा।
प्रसिद्ध लेखक डा धर्मवीर भारती द्वारा रचित नाटक अंधा युग की भाषा शब्दप्रधान और भावातमक प्रतीकों के साथ लयमय है। उस भाषा की लय को बनाये रखते हुये, नाटक के पात्रों की मनोवृति और उनके दृष्टिकोण को रंगमंच पर बहुत ही सजीवता के साथ उतारने में निर्देशक हेम तिवारी पूर्ण रुप से सफल रहे।
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