सेलेक्टिव एंट्री पब्लिक स्कूल प्रतिभाशाली छात्रों के लिए किफायती लेकिन उच्च शैक्षणिक स्कूली शिक्षा का विकल्प प्रदान करते हैं।
मुख्य बातें :
- विक्टोरिया, एनएसडब्ल्यू, क्वींसलैंड और वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में सेलेक्टिव एंट्री स्कूल हैं।
- सेलेक्टिव एंट्री स्कूलों में दाखिला अत्यधिक प्रतिस्पर्धी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है।
- विभिन्न राज्यों के इन अत्यधिक मांग वाले स्कूलों में प्रवेश करने की आवश्यकताएं अलग हो सकती हैं।
ऑस्ट्रेलिया में केवल चार राज्यों में सेलेक्टिव एंट्री पब्लिक स्कूल हैं, जो उच्च उपलब्धि प्राप्त छात्रों के लिए किफायती लेकिन उच्च शैक्षणिक स्कूली शिक्षा प्रदान करते हैं। लेकिन इन पब्लिक स्कूलों में प्रवेश केवल सीमित स्थानों के लिए रहता है जिसमें अत्यधिक प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है।
आपको बता दें कि न्यू साउथ वेल्स में 21 पूरी तरह से और 26 आंशिक रूप से सेलेक्टिव एंट्री पब्लिक स्कूल हैं, जिनमें ईयर 7 में लगभग 4200 सीट्स उपलब्ध हैं।
एनएसडब्ल्यू शिक्षा विभाग के मुख्य शिक्षा अधिकारी, बेन नॉर्थ का कहना है कि सेलेक्टिव पब्लिक स्कूलों की लोगों के बीच ज़ोरदार मांग है।
कुल मिलाकर, 47 स्कूलों में चार हजार से कुछ अधिक स्थान हैं, और शिक्षा विभाग को 15,000 से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं
बेन नॉर्थ कहते हैं कि एनएसडब्ल्यू शिक्षा विभाग ने 2021 में एक नया सेलेक्टिव हाई स्कूल प्लेसमेंट टेस्ट तैयार किया है , जिसमें छात्र के सोचने समझने की शक्ति, गणितीय तर्क और किसी समस्या का समाधान कैसे निकालना है इस पर ज़ोर दिया गया।
विक्टोरियन सेलेक्टिव हाई स्कूल की परीक्षा में पाँच टेस्ट शामिल हैं: मौखिक तर्क, संख्यात्मक तर्क, प्रेरक या रचनात्मक लेखन, छात्र के पढ़ने की समझ और गणित।

In NSW, there is a little bit over four thousand places spread across the 47 selective schools for which over 15,000 students compete. Source: Getty Images/SolStock
अपनी परीक्षा में नर्वस होने के बावजूद, आदि जोशी ने परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और उन्हें वेरिबी के सुज़ैन कोरी हाई स्कूल में जगह मिल गई।
मुझे याद है मैं बहुत घबराया हुआ था; मैं अपनी बाहों को कांपता हुआ महसूस कर सकता था; मेरा दिल बहुत तेज़ धड़क रहा था
विक्टोरियन सेलेक्टिव एंट्री हाई स्कूल परीक्षा हर साल जून में आयोजित की जाती है, और एनएसडब्ल्यू सेलेक्टिव हाई स्कूल प्लेसमेंट टेस्ट मार्च में आयोजित किया जाता है।

In Victoria, the selective entry high school examination comprises five tests. Source: Getty Images/SDI Productions
डॉ मजीदा अवावदेह 2005 में ऑस्ट्रेलिया आई, क्योंकि उन्हें सेलेक्टिव एंट्री स्कूलों के बारे में पता नहीं था, इसलिए उनकी बड़ी बेटी एक नॉन सेलेक्टिव स्कूल में पढ़ती थी। कई सालों बाद, उनकी छोटी बेटी को न्यू साउथ वेल्स के एक पूरी तरह से सेलेक्टिव स्कूल में प्रवेश मिला।
डॉ मजीदा बताती हैं कि उन्होंने अपनी बेटियों के स्कूल के माहौल के आधार पर सीखने के तरीके में एक बड़ा अंतर देखा।
सुजैन कोरी हाई स्कूल के ईयर 10 के छात्र आदि जोशी भी इस बात से सहमत हैं।
मुझे अच्छा लगता है कि मैं आमतौर पर सबसे होशियार छात्रों के समूह में हूं। उनके साथ प्रतिस्पर्धा करने से मैं और बेहतर बन सकता हूँ

Pushing any child to perform at a high level over a long period could negatively impact mental health. Source: Getty Images/Carol Yepes
क्रिस्टीन हो, यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी सिडनी में सामाजिक और राजनीतिक विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर हैं। सेलेक्टिव एंट्री स्कूलों पर केंद्रित अपने शोध के आधार पर, उन्होंने - एस्पिरेशन एंड एंग्जाइटी: एशियन माइग्रेंट्स एंड ऑस्ट्रेलियन स्कूलिंग नाम की किताब लिखी है ।
वह कहती हैं कि इन स्कूलों में अधिकांश छात्र प्रवासी पृष्ठभूमि के हैं और इसलिए उनके माता-पिता शिक्षा पर बहुत ज़ोर देते हैं।
हालांकि, वह यह भी कहती हैं कि किसी भी बच्चे को लंबे समय तक अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया जाए तो उसके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है।
साथ ही, वह समझते हैं कि प्रवासियों के रूप में उन्हें समान अवसर प्राप्त करने के लिए किसी और की तुलना में अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है।
2011 में, डॉ मजीदा ने एक शोध-आधारित शिक्षण संस्थान की शुरुवात की, यहाँ अन्य पाठ्यक्रमों के अलावा, शिक्षक सेलेक्टिव स्कूल प्रवेश परीक्षा के लिए पर्सनल ट्यूशन देते हैं।
वह कहती हैं कि न्यू साउथ वेल्स में सेलेक्टिव प्लेसमेंट टेस्ट के आधार पर उनके छात्रों की सफलता दर 80 प्रतिशत है।
हालांकि, वह कहती हैं कि उनके संस्थान में आने वाले 50 प्रतिशत छात्रों को स्कूल में औसत छात्रों के रूप में देखा जाता है।
क्या अतिरिक्त ट्यूशन जरूरी है?
न्यू साउथ वेल्स के शिक्षा विभाग के मुख्य शिक्षा अधिकारी बेन नॉर्थ छात्रों के माता-पिता को सुझाव देते हैं कि वह ऐसा स्कूल चुने जो घर के नज़दीक हो जिसकी वजह से छात्र को हर दिन लंबी दूरी की यात्रा न करनी पड़े।
वह यह भी बताते हैं कि शिक्षा विभाग सेलेक्टिव स्कूल परीक्षा की तैयारी के लिए ट्यूशन लेने वाले छात्रों की सिफारिश नहीं करता है।
डॉ क्रिस्टीन हो, कहती हैं कि निम्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्र जो ट्यूशन का खर्च नहीं उठा सकते हैं, उनका सेलेक्टिव स्कूलों में दाखिला पाना बहुत मुश्किल है।
विक्टोरिया के एक सेलेक्टिव स्कूल की परीक्षा में बैठने से पहले, आदि जोशी ने छह महीने तक हर वीकेंड 8 घंटों की पर्सनल ट्यूशंस ली थी।
अगर मैं ट्यूशन नहीं लेता, तो मुझे पता नहीं कि परीक्षा में क्या होता

Selective schools are competitive and result-oriented environments where students are nurtured to become the world’s future leaders. Source: Getty Images/SDI Productions
सेलेक्टिव स्कूलों के बारे में और जानने के लिए और नमूना परीक्षण तक पहुंचने के लिए , , और . शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर जाएं।