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न, पानी भी नहीं: गैर-मुसलमान समुदायों के लिए रमादान गाइड

क्या आप जानना चाहते हैं कि रमादान किस तरह से मनाया जाता है? जानिए क्यों दुनिया भर में मुसलमान समुदाय अपने पावन मास में रखते हैं रोज़ा, और किस तरह से आप अपने रोज़ेदार सहयोगियों और मित्रजनों का इस अहम समय में समर्थन सकते हैं।

Stock photo of a young woman wearing a headscarf and holding a coffee cup

Don't be surprised if your Muslim colleague declines your morning coffee offer for the next month. Source: Getty / Phynart Studio

दुनिया भर में लगभग दो बिलियन लोग आजकल के दिनों में रोज़ा रख रहे हैं।

2021 के जनगणना आंकड़ों के अनुसार इन बिलियनों लोगों में से 800,000 से अधिक ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं।

रमादान इस्लामी चंद्र पंचांग के अनुसार नौवां महीना है। इस महीने के दौरान, मुस्लिम आस्था के व्यक्ति सूर्योदय से दिन ढलने तक कुछ भी खाने-पीने से परहेज़ करते हैं। इस माह के दौरान समुदाय के लोग धर्म और दान के बढ़-चढ़ कर हिस्सा भी लेते हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि रमादान चंद्र पंचांग के अनुसार मनाया जाता है, जिसकी वजह से यह त्योहार हर साल करीब 10 दिन जल्दी आता है।

साल 2023 में चांद नज़र आने के अनुसार यह माह 22 मार्च को शुरू हो 21 अप्रेल तक चलेगा।
People pray at a mosque.
Ramadan is a special month for nearly two billion people around the world. Source: Getty / Jewel Samad
रमज़ान का पावन महीना आध्यात्मिक अंतर्विचार, और उपवास का महत्वपूर्ण समय है। उपवास रहना इस्लाम के पांच मूलभूत नियमों में एक है।

इसी वजह से, हो सकता है कि आपके मुस्लिम सह-कर्मचारी या मित्र आजकल सवेरे आपके साथ कॉफ़ी पीने से या दोपहर को खाना खाने से मना करते हों।

तो आप क्या पूरे महीने कुछ नहीं खाते?

ऐसा नहीं हैं। वे मुस्लिम लोग जो रमादान के दौरान रोज़ा रखते हैं, सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी खाते-पीते नहीं हैं। पानी भी नहीं।

व्रत के दौरान रोज़ेदार धूम्रपान (जिसमें शीशा और वेप भी शामिल हैं), दवा लेने, और संभोग से भी परहेज़ करते हैं।

पर दिन ढलने के बाद, यह सारे परहेज़ हट जाते हैं।
People eat together at a dinner table.
Many Muslim families break their fast together when the sun sets. Source: Getty / Asanka Ratnayake
सूर्यास्त के बाद का पहला भोजन 'इफ़्तार' कहलाता है, जिसका अर्थ है व्रत खोलना। समुदाय में इफ़्तार की शुरुआत एक या तीन ख़जूर खा कर की जाती है।

इसके बाद सारी व्यवस्था अपने संयम पर होती है; सूर्योदय से पहले खाने के लिए कई सारे विकल्प उपलब्ध होते हैं।

मुस्लिम लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है कि वे सूर्योदय के पहले उठ कर एक बार भोजन करें। इस भोजन को अरबी में ‘सुहूर’ और उर्दू में ‘सेहरी' कहा जाता है।
जहां कुछ लोग इस समय पर भरपूर नाश्ता करना पसंद करते हैं, वहीं कुछ लोग पानी के साथ हल्का-फुल्का खाना पसंद करते हैं।

तो अगर आपके मुस्लिम दोस्त आधी रात को या अलसुबह आपके इंस्टाग्राम पोस्ट लाइक कर रहे हैं या आपके संदेशों का जवाब दे रहे हैं, तो अब आप जानते हैं कि वे ऐसे समय पर क्यों जाग रहे हैं।

पर आप उपवास रखते ही क्यों हैं?

यह सच है कि उपवास के या रोज़े के बीच में भूख-प्यास लगती ही है, लेकिन यही तो रोज़ा रखने का उद्देश्य है।

रमादान चुनौतीपूर्ण ज़रूर है पर बहुत से लोगों के लिए यह वह समय है जब वे अपने से कमज़ोर लोगों का दर्द समझ सकते हैं। यह वो समय है जब एक व्यक्ति अंतर्मुखी हो विचार कर सकते हैं और अपनी भावनात्मक और आध्यात्मिक शुद्धि कर सकते हैं।
डेलाइट सेविंग टाइम शुरू होने के बाद रोज़े का वक़्त थोड़ा छोटा हो गया है, लेकिन हमारे यूरोपियाई दोस्त लगभग 16 घंटे के रोज़े रख रहे हैं।
A chart showing 4 places where Ramadan fasting is longest
Source: SBS

क्या रमादान केवल खाने के बारे में है?

रमादान को केवल खाने के बारे में समझना गलत होगा। इस पावन मास का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जितना मुमकिन हो सके, उतना अच्छा इंसान बनना, ताकि विश्वास रखने वाले मुस्लिम लोगों को अपनी श्रद्धा का पूरा फल मिल सके।

बहुत से लोग ध्यान बरतते हैं कि वे किसी के बारे में चुगली न करें, या व्यसनों से दूर रहें, क़ुरान का पाठ करें, रातों को मस्जिद में प्रार्थना करें, अपने धर्म के बारे में और जानें और ईश्वर से संबंध जोड़ने की कोशिश करें।
दीन-दुखियों को दान देने का प्रोत्साहन किया जाता है, और माह के अंत में मुस्लिम लोगों को अपने कुल धन का एक तय हिस्सा, जिसे ज़कात कहा जाता है, दान करना होता है।

इस्लाम के पांच मूलभूत नियमों में से एक है ।

रमादान की एक और विशेषता है लैलतुल-क़द्र, जिसका अर्थ है ‘शक्ति की रात’। यह रात पवित्र रमज़ान माह के आखिरी दस दिनों में विषम तारीखों, यानी ऑड संख्या की रातों में से एक पर पड़ती है। मुस्लिम लोग मानते हैं कि इस रात को किये गए अच्छे कामों का फल हज़ार गुना पलट कर आता है।

इस साल यह रात 17 अप्रैल को पड़ेगी। जहां सुन्नी मुसलमान इस पूरी रात जागते हैं, वहीं शिया मुसलमान आखिरी के दस दिनों की सभी विषम तारीखों पर जागते हैं। अधिकांश रूप से वे मस्जिदों, सामुदायिक केंद्रों में या अपने घरों पर ऐसा करते हैं।

यह जानना ज़रूरी है कि रमादान मनाने का कोई एक तरीका नहीं है - हर मुस्लिम व्यक्ति इस माह में अपने निजी उद्देश्य खुद तय करते हैं और उनका पालन करते हैं।

क्या मैं किसी रोज़ेदार के सामने खा सकती हूं?

बिलकुल। पर अगर वे आपको घूरें, या ललचायी आँखों से आपके खाने को देखें, तो आपको उन्हें माफ़ करना होगा!

जहां आपको किसी भूखे व्यक्ति के सामने खाना खाने में ग्लानि हो सकती है, आपके रोज़ेदार मित्र पहले ही शाम को होने वाली इफ़्तारी दावत को सोच कर आपके खाने से प्रभावित ही नहीं हैं!

अगर आप इस बात पर ज़्यादा विचार करते हैं, तो बेवजह सब असहज हो सकते हैं। उनके खाने का वक़्त तय है, तो आपके चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

क्या सबको रोज़े रखने अनिवार्य है?

नहीं, सबको नहीं। बच्चे और बुज़ुर्ग रोज़े रखने को बाध्य नहीं होते। इसके अलावा गर्भवती महिलाएं, दुग्धपान कराने वाली महिलाएं और रजस्वला महिलाएं, यात्रा के दौरान या अस्वस्थ्य होने की परिस्थिति में रोज़ा रखने की बाध्यता नहीं होती।
अगर कोई मुस्लिम व्यक्ति किन्हीं कारणों से कोई रोज़े नहीं रख पाते और पवित्र माह ख़त्म होने के बाद वे रोज़ा रखने के लिए स्वस्थ्य हैं, तो नियम उन्हें प्रोत्साहित करते हैं कि अगले रमादान के पहले वे इन रोज़ों को रख लें।

किसी-किसी के रोज़े न रखने के कारण निजी भी हो सकते हैं। तो अगर आपके कोई मुसलमान सहयोगी या मित्र रोज़े नहीं रखते, या आप उन्हें दिन के दौरान खाते देखें, तो सार्वजानिक रूप से उनसे रोज़ा न रखने का कारण न पूछें। यह उनकी भावनाएं आहत कर सकता है।

क्या इससे आपका वज़न भी कम होता है?

ऐसा ज़रूरी नहीं है। हर किसी का शरीर अलग होता है और इन उपवासों का उद्देश्य वज़न घटाना नहीं है। कुछ लोगों का तो इफ़्तारी की दावतों के बाद वज़न बढ़ भी जाता है।
People queuing at a food stall at night
People queue for food at night time in Lakemba, Sydney, during Ramadan 2022. Source: Getty / Izhar Khan/NurPhoto

हम किसी को रमादान की बधाई कैसे दे सकते हैं?

इस आध्यात्मिक रूप से चुनौतीपूर्ण महीने के दौरान ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप अपने रोज़ेदार मित्रों और सहयोगियों का समर्थन हैं।

सबसे आसान तरीका तो यह है कि आप जानें कि रमज़ान का महीना जारी है। जिस तरह लोग ‘शुभ दीवाली’ या ‘मेरी क्रिसमस’ की बधाई देते हैं, उस ही तरह मुस्लिम समुदाय में भी बधाई सन्देश साझा किये जाते हैं।

रमादान मुबारक़’ या ‘रमादान क़रीम’, सबसे आम तौर पर दिए जाने वाले बधाई संदेश हैं। आप इसके ही कई और रूप भी सुन-पढ़ सकते हैं।
हर एक संस्कृति अपने बधाई सन्देश अपनी भाषा और अपने तरीके से कहती हैं। आप रमादान की बधाई इन रूपों में भी सुन सकते हैं:
  • रामज़ानिनीज़ मुबारिक ओलसन (तुर्की)
  • रमज़ान मुबारक (उर्दू)
  • रोज़ा मोबारिक-शाह (पश्तो)
  • रमजान मुबारक (बांग्ला)
रमादान, जिसे माह-ए-रमज़ान भी कहा जाता है, के अंत में तीन दिन का त्योहार ईद-उल-फ़ितर मनाया जाता है, जिसे आम तौर पर हम ईद कहते हैं।

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Published 6 April 2023 11:57pm
By Rayane Tamer, Rashida Yosufzai
Presented by Vrishali Jain
Source: SBS


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