स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया को बताया है कि कोविड-19 का खतरा अभी भी दुनियाभर में गंभीर रूप से बना हुआ है इसलिए विदेशों से ऑस्ट्रेलिया आने वाले लोगों को खतरा कम करने के लिए समुचित कदम उठाने होंगे।
मुख्य बातेंः
- ऑस्ट्रेलिया सरकार ने फिलहाल जारी आपातकाल को 17 जून 2021 तक के लिए बढ़ा दिया है।
- सरकार नहीं मानती कि वैक्सीन कोई रामबाण है और जो अन्य कदम उठाए जा रहे हैं, उनकी जगह पूरी तरह से ले सकती है।
- इसका अर्थ है कि बिना सरकार की विशेष इजाजत के लोग अंतरराष्ट्रीय यात्रा नहीं कर पाएंगे।
इन कदमों में वैक्सीन शामिल तो है लेकिन सरकार नहीं मानती कि वैक्सीन कोई रामबाण है और जो अन्य कदम उठाए जा रहे हैं, उनकी जगह पूरी तरह से ले सकती है।
तीन कारक होंगे अहम
सिडनी यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में काम करने वालीं एपिडोमॉलजिस्ट डॉ. फियोना स्टैनवे कहती हैं कि देश की सीमाएं खोलने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना होगा।
वह कहती हैं, “पहले तो यह देखना होगा कि दूसरे मुल्कों में महामारी का स्तर क्या है। और दूसरा कि हम यहां क्या कर रहे हैं यानी कितने लोगों को टीका लग चुका है।”
डॉ. स्टैनवे कहती हैं कि तीसरी अहम बात है कि वैक्सीन कितनी कारगर साबित हो रही है, जिसके बारे में फिलहाल हम कुछ नहीं जानते।
2022 एक संभावना
इन हालात में यह कहना मुश्किल है कि सीमाएं कब खुलेंगी। वर्ल्ड ट्रैवल प्रोटेक्शन नाम यात्रा बीमा कंपनी के प्रमुख एड्रियन लीच मानते हैं कि अगले साल की पहली तिमाही से पहले अंतरराष्ट्रीय यात्राओं का दोबारा शुरू होना मुश्किल लगता है।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री प्रोफेसर ब्रैंडन मर्फी ने भी कहा था कि इस साल में तो यात्राएं शुरू नहीं हो पाएंगी, जो एक व्यवहारिक बात लगती है।
लीच कहते हैं, “मुझे पता है कि जुलाई से बुकिंग शुरू हो रही हैं लेकिन यात्रा तो 2022 में ही हो पाएंगी। इस तरह हर किसी को वैक्सीन की कामयाबी का भी अंदाजा हो जाएगा।”
डॉ. स्टैनवे कहती हैं कि ताईवान जैसे देश, जहां स्थानीय संक्रमण बहुत कम है या नहीं है, उनके साथ यात्रा अन्य देशों के मुकाबले पहले शुरू हो सकती है।
“मुझे लगता है कि अन्य जगहों से पहले हम एशिया-पसिफिक देशों की यात्राएं कर पाएंगे क्योंकि वहां संक्रमण का स्तर कम है। लेकिन अगले कुछ महीनों में यह देखना होगा कि बाकी दुनिया में क्या हो रहा है।”