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गार्मा क्या है और इसकी शुरुआत कैसे हुई?

गार्मा महोत्सव जानेमाने भूमि अधिकार कार्यकर्ता और योलूनुह् बुजुर्ग, यूनुह्पिंग के निधन के बाद, इस वर्ष का पहला उत्सव हो रहा है।

GARMA FESTIVAL 2019

Members of the Gumatj clan prepare for bunggul (traditional dance) at the Garma Festival in northeast Arnhem Land. Credit: Peter Eve

देश में योलूनुह् संस्कृति के सबसे बड़े उत्सव के लिए मंच है।

23वां वार्षिक गामा महोत्सव 4 से 7 अगस्त तक नार्दन टेरीटरी की पूर्वोत्तर अर्नहेम लैंड में नूलिनबॉय से 31 किलोमीटर दूर गुलकुला में हो रहा है।

प्रत्येक वर्ष, उत्सव में अधिक से अधिक भीड़ उमड़ती है। प्रधान मंत्री और राजनेताओं, शिक्षाविदों, कानूनी विशेषज्ञों, व्यापारिक लोगों, शिक्षा और स्वास्थ्य अधिवक्ताओं और विदेशी प्रतिनिधि आदि उपस्थित होते रहे हैं।

लेकिन, इस साल गार्मा उत्सव अलग है।
Men and boys dancing
Bungul (dance) circle is a key highlight of the Garma Festival. Source: AAP

पहला गार्मा उत्सव

अप्रैल की शुरुआत में, श्रद्धेय योलूनुह् बुजुर्ग और गामेज कबीले के नेता, यूनुह्पिंग का बीमारी से लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया।

74 वर्षीय इस बुजुर्ग ने अपना सारा जीवन भूमि अधिकार आंदोलन और अपने लोगों के आत्मनिर्णय के लिए समर्पित कर दिया।
गार्मा फेस्टिवल की रचना यूनुह्पिंग और उनके दिवंगत भाई डॉ. एम यूनुह्पिंग, जो कि योथूयिंदी के अग्रदूत थे, उन्होंने की थी।

गार्मा "दो-तरफा सीखने की प्रक्रिया" के लिए योलूनुह् माथा शब्द है।

इस जोड़ी ने 1999 में पहले गार्मा महोत्सव का नेतृत्व किया। एक छोटी सी इस सभा का उद्देश्य आत्मनिर्णय, कल्याण और स्वास्थ्य के बारे में बात करने के लिए योलूनुह् को एक जगह इकट्ठा करना था।

इसकी मेजबानी योथूयिंडी फाउंडेशन द्वारा की गई थी, जिसे लगभग एक दशक पहले अर्नहेम लैंड में पांच क्षेत्रीय कुलों का यानि गामेज, रीरेक्चिग, रीर्रिंगु, जापु, गेपु और वांडरी कुलों का प्रतिनिधित्व करने के लिए स्थापित किया गया था।

गुलकुला का महत्व

सबसे पहले गार्मा का आयोजन गामेज के गुलकुला स्थल पर किया गया था, जो कि एक परंपरा बनी हुई है।

गुलकुला स्थल गामेज के लिए एक महत्वपूर्ण समारोह स्थल और पांच कुलों के लिए एक मिलन स्थल है। योलूनुह् इतिहास बताता है कि कैसे लोग 'शुरू से ही' औपचारिक उत्सव मैदानों पर नृत्य करते रहे हैं।

गुलकुला एक रेशेदार छाल के जंगल का घर है जो कारपेंटेरिया की खाड़ी के ऊपर दिखता है।

1964 में गोव डाउन रेंज और गाइडेंस टेलीमेट्री स्टेशन के लिये निर्माण विभाग द्वारा कुछ जंगल को बुलडोज़र से ढहा दिया गया था। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में वूमेरा से लॉन्च किए गए रॉकेटों के पथ में यह स्टेशन है।

उस समय, कोई नेटिव टाइटिल कानून नहीं था इसलिए योलूनुह् से परामर्श नहीं किया गया या वे इस विकास के विरोध में आवाज़ उठाने में सक्षम नहीं थे।

2017 में, भूमि अधिकार अधिनियम के प्रभाव में, उत्तरी भूमि परिषद (Northern Land Council - NLC ) ने एक उप-कक्षीय रॉकेट लॉन्च सुविधा के संचालन के लिए गुलकुला के पास गामेज भूमि पर पट्टे को मंजूरी दी।

यूनुह्पिंग विरासत

यूनुह्पिंग के बिना यह पहला गार्मा महोत्सव होगा। शुक्रवार को उत्सव की शुरुआत के मौके पर उनके लिए एक स्मारक बनाया जाएगा।

गार्मा इस दिग्गज की विरासत का सिर्फ एक हिस्सा है।

उनके निधन के दिन जारी एक बयान में, यूनुह्पिंग की बेटी बिनमिला यूनुह्पिंग ने स्वीकार किया कि "उनके जैसा कोई दूसरा" कभी नहीं होगा।

"हमारे पिता इस राष्ट्र के भविष्य, राष्ट्र में अपने लोगों के स्थान और हर जगह आदिवासी लोगों के लिए उचित स्थान के दृष्टिकोण से प्रेरित थे।

"हम जानते हैं कि हमारे पिता की कमी, उनके जाने का नुकसान कई लोग महसूस करते रहेगें। । हम आपसे उनके निधन पर अपने तरीके से शोक मनाने के लिए कहते हैं, लेकिन एक परिवार के रूप में हम आपको उनके जीवन और उन्होंने जो नेतृत्व का उपहार दिया, उसका आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।"
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Yunupingu's family and his daughter Binmila Yunupingu addressing the memorial ceremony in May. Credit: Peter Eve

यूनुह्पिंग का जन्म 30 जून, 1948 को हुआ था और उनका पालन-पोषण यीकालाह् के आसपास हुआ था, जो कि नूलिनबॉय खनन शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर एक छोटा सा समुदाय है।

जब वह केवल 15 वर्ष के थे, तब उन्होंने देखा कि गोव प्रायद्वीप पर बॉक्साइट पाए जाने के बाद, ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने नाबाल्को को खनन का अधिकार दे दिया था। योलूनुह् लोगों से कभी सलाह नहीं ली गई।

यूनुह्पिंग ने अपने पिता और चाचा को प्रसिद्ध यीकालाह् बार्क याचिकाओं का मसौदा तैयार करने में मदद की, जिन्हें अब आदिवासी भूमि अधिकार आंदोलन के संस्थापक दस्तावेजों के रूप में मान्यता प्राप्त है।

योलूनुह् माटाऔर अंग्रेजी में लिखी गई याचिकाओं में आदिवासी संबंध और देश के स्वामित्व का समर्थन किया गया। वे ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा मान्यता प्राप्त पहले पारंपरिक दस्तावेज़ और ऑस्ट्रेलियाई कानून में स्वदेशी लोगों की पहली मान्यता बन गए।

यूनुह्पिंग नार्दन टेरीटरी सुप्रीम कोर्ट में नाबाल्को के खिलाफ ऐतिहासिक 'गॉव लैंड राइट्स' मामले के लिए एक दुभाषिया थे।

यह इतिहास में पहली बार था जिसमें नेटिव टाइटिल पर बहस की गई थी।
Yirrkala Bark Petition
One of the historic Yirrkala Bark Petitions.
1971 में, योलूनुह् इस केस को हार गया लेकिन यूनुह्पिंग ने नार्दन लैंड कॉंंसिल के साथ, अपने काम के माध्यम से नार्दन टेरीटरी में भूमि अधिकारों के लिए रॉयल कमीशन को सलाह दी।

इससे 1976 में नार्दन टेरीटरी लैंड राइट कानून के पारित होने का मार्ग प्रशस्त हुआ। यह देश के आदिवासी स्वामित्व को कानून में औपचारिक रूप से मान्यता देने का कॉमनवेल्थ सरकार का पहला प्रयास था।

1977 में, यूनुह्पिंग को नार्दन लैंड कॉसिल (Northern Land Council - NLC) के उद्घाटन अध्यक्ष के रूप में चुना गया था और 1978 में उन्हें ऑस्ट्रेलियन ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया था।

उन्होंने अपने भाषण में कहा, "अंततः हमें इस देश के स्वदेशी लोगों के रूप में पहचाना जा रहा है जिन्हें इसके भविष्य में हिस्सा लेना चाहिए।"
एक दशक बाद, उन्होंने बारुंगा स्टेटमेंट पर सह-हस्ताक्षर किए जिसमें आदिवासी आत्मनिर्णय, भूमि अधिकारों की एक राष्ट्रीय प्रणाली और नस्लीय भेदभाव को समाप्त करने का आह्वान किया गया।

यह स्टेटमेंट तत्कालीन प्रधान मंत्री बॉब हॉक को नार्दन टेराटरी में येकालाह् कंटरी के बरुंगा स्पोर्ट एंड कल्चरल फेस्टीवल में प्रस्तुत किया गया था।

श्री हॉक ने वक्तव्य पर सह-हस्ताक्षर किए और संधि की स्थापना के लिए 1990 की समय सीमा निर्धारित की।

1991 और 1996 तक, यूनुह्पिंग आदिवासी सुलह परिषद (Council for Aboriginal Reconciliation,) के सदस्य थे, जो बाद में रीकनसिलेयेशन ऑस्ट्रेलिया ( Reconciliation Australia ) बन गई।

2004 में, यूनुह्पिंग ने 1977 से 1980 तक और फिर 1983 और 2004 तक अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के बाद एनएलसी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने लगभग एक चौथाई दशक में आठ कार्यकाल तक सेवा की।

जनमत संग्रह पर यूनुह्पिंग

यूनुह्पिंग हृदय से उलुरु वक्तव्य के कट्टर समर्थक थे। वह पूर्व मंत्री केन वॉट द्वारा स्थापित रेफरेंडम वर्किंग ग्रुप और स्वदेशी सह-डिज़ाइन सलाहकार समूह के सदस्य थे।

2022 के गार्मा में, प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने संविधान में संशोधन के लिए तीन वाक्यों के साथ साथ, संसद में एक स्वदेशी आवाज पर आने वाले जनमत संग्रह के लिए मसौदा प्रश्न रखा।
इस वर्ष का गार्मा महोत्सव जनमत संग्रह पर केंद्रित है।

यूनुह्पिंग के निधन के बाद बोलते हुए, स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई मंत्री लिंडा बर्नी ने कहा था कि वह यूनुह्पिंग के प्रति एक सफल वॉयस अभियान समर्पित करेंगी।

“यह शब्दों में बयां करना मुश्किल है कि उनके जाने से हुये इस नुकसान का इस देश के लिए क्या मतलब है। यूनुह्पिंग के बिना अगले गार्मा महोत्सव की कल्पना करना कठिन है। कई लोगों के लिए आगे बढ़ने की कल्पना करना कठिन है,” उसने कहा।

"लेकिन उनकी विरासत, उनकी प्रेरणा, जीवित रहेगी।"

नार्दन टेरीटरी सीनेटर मेलनजेरी मैक्कार्थी और लिंगियारी के सदस्य मैरिन स्विमजर के साथ, मंत्री बर्नी ने कहा कि राष्ट्र के पास एक विशाल सफल जनमत संग्रह "उपहार" देने का अवसर है।

उन्होंने यूनुह्पिंग के इन शब्दों को याद किया कि 'भविष्य हमारी जिम्मेदारी है'।
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Published 4 August 2023 12:35pm
Updated 4 August 2023 7:09pm
By Rachael Knowles
Presented by Anita Barar
Source: SBS


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