सुनवाई के दौरान समिति को बताया गया कि कुछ परिवारों को फैमिली रीयूनियन वीसा के लिए 56 साल तक का इंतजार करना पड़ता है.
फर्स्ट असिस्टेंट सेक्रटरी पेटा डन को इस सुनवाई के दौरान बताया गया कि पार्टनर वीसा की 75 फीसदी अर्जियों के प्रॉसेस होने में 14 से 21 महीने लग जाते हैं. बच्चों की 75 फीसदी अर्जियों में 10-12 महीने का वक्त लगता है.
जो माता-पिता 47,455 डॉलर्स अदा कर सकते हैं उन्हें औसतन 45 महीने इंतजार करना पड़ता है. लेकिन जो लोग इतना पैसा नहीं दे सकते, उनके लिए इंतजार 30 साल तक लंबा हो सकता है. जबकि 'अन्य परिवारों' को 56 साल तक इंतजार करना पड़ सकता है.
इस वक्त 49,983 अर्जियां पेंडिंग हैं. ये उन लोगों की अर्जियां हैं जो 47,455 डॉलर्स नहीं दे सकते. 8,111 अर्जियां ऐसे लोगों की हैं जो 'अन्य परिवार' की कैटिगरी में आते हैं.
इमिग्रेशन ऐंड सिटिजनशिप सर्विसेज के ऐक्टिंग डेप्युटी सेक्रटरी लूक मैन्सफील्ड ने समिति को बताया कि इस लंबे इंतजार का कारण यह है कि सरकार न कोट तय कर रखा है. उन्होंने कहा, “बीते कुछ सालों में सरकार ने स्किल्ड लोगों को प्राथमिकता पर रखा है. इस कारण परिवार के भी स्किल्ड सदस्यों को वीसा देना प्राथमिकता है.”
मैन्सफील्ड कहते हैं कि सारी बात यह है कि कितने वीसा दिए जा सकते हैं और इसी कारण दे हो रही है.
लंबे इंतजार का मुद्दा ग्रीन्स सेनेटर निक मकिम ने उठाया था. उन्होंने कहा कि 56 साल के एक बेहद डरावनी संख्या है.
एसबीएस न्यूज से बातचीत में उन्होंने कहा, “जो माता-पिता धन नहीं दे सकते उनके लिए 30 साल का इंतजार भी एक डरावनी बात है. परिवार सालों साल इंतजार कर रहे हैं. कुछ मामलों में तो यह इंतजार दशकों लंबा होता है.”
फेडरेशन ऑफ एथनिक कम्यूनिटीज काउंसिल्स के सीईओ मोहम्मद अल खफाजी कहते हैं कि कुछ लोग तो इंतजार करते करते ही दुनिया छोड़ देते हैं.
इस बारे में हमने गृह मंत्रालय से भी टिप्पणी मांगी लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया.