विक्टोरिया में कोरोनावायरस के मामलों में बढ़त के चलते नर्स-ऑन-कॉल हॉटलाइन शुरू की गई थी. लेकिन उस पर इतने ज्यादा लोगों ने कॉल करना शुरू कर दिया कि हेल्पलाइन ही बेकार हो गई.
खास बातः
- अस्पताल और जीपी के पास पहुंचने वालों की संख्या बेतहाशा बढ़ी है
- देश भर में 100 फीवर क्लिनिक्स स्थापित किए जा रहे हैं
- दुनियाभर में कार पार्क में मरीजों की जांच हो रही है
ऐम्यबुलेंस विक्टोरिया ने मंगलवार को बताया कि हॉटलाइन की क्षमता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
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ऐसी स्थिति में मेलबर्न के डॉक्टर मुकेश हेकरवाल लोगों की मदद करने निकल पड़े. वह कार पार्क में ही लोगों की जांच करने लगे.
ऑस्ट्रेलियन मेडिकल असोसिएशन के पूर्व प्रमुख डॉक्टर हेकरवाल एक मून सूट, मास्क और शू कवर पहनकर अपने एल्टोना नॉर्थ स्थित क्लिनिक के बाहर ही मरीजों से मिल रहे हैं.
डॉ. हेकरवाल ने 3एडब्ल्यू रेडियो को बताया, "मरीज अपनी गाड़ी से आते हैं और सीधे कार पार्क में चले जाते हैं. वे कार में ही रहते हैं और डॉक्टर हेकरवाल खुद उनके पास जाते हैं."
वह कहते हैं कि इस प्रक्रिया से संक्रमण का खतरा नहीं रहता क्योंकि संपर्क न्यूनतम होता है.
कोरोनावायरस की सूचनाएं फैलने के बाद अस्पताल और जीपी के पास जाने वाले लोगों की संख्या में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है. लोग सामान्य सर्दी या बुखार होने पर भी जांच के लिए अस्पताल जा रहे हैं.

Year in Review: Australia in 2020 Source: AAP Image/David Mariuz
ऑस्ट्रेलिया भर में लगभग 100 कोरोनावायरस फीवर क्लिनिक्स स्थापित किए जा रहे हैं. एक नया मेडिकेयर आइटम भी बनाया गया है. फेडरल सरकार ने इसके लिए 2.4 अरब डॉलर जारी किए हैं.
प्रधानमंत्री आज इस पैकेज की जानकारी दे सकते हैं. उम्मीद की जा रही है कि 100 क्लिनिक्स स्थापित करने के लिए 205 मिलियन डॉलर दिए जा सकते हैं. इन क्लिनिक्स में एक दिन में कम से कम 75 लोगों की जांच हो सकेगी. इससे अस्पतालों पर बोझ कम होगा.
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