फ्रांस में इंटरनैशनल स्पोर्ट्स ट्रेनिंग के नाम पर ले जाए गए 22 किशोरों के लापता हो जाने को मानव तस्करी से जोड़कर देखा जा रहा है. इसी आधार पर फ्रांसीसी पुलिस और सीबीआई मामले की जांच कर रही हैं.
पैरिस में एक किशोर के पकड़े जाने पर इस मामले का खुलासा हुआ है. अधिकतर लड़के हरियाणा या पंजाब के हैं.
सीबीआई का कहना है कि फरवरी 2016 में 13 से 18 साल तक 25 लड़कों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वीसा दिलवा कर फ्रांस ले जाया गया था. इन्हें सात दिन के लिए रग्बी की ट्रेनिंग दिलाने के नाम पर वीसा दिलाया गया.
अधिकारियों का कहना है कि इस ट्रेनिंग के बाद लड़कों को एक गुरुद्वारे में छोड़ दिया गया और उनकी वापसी की टिकट रद्द कर दी गईं. इन्हीं में एक लड़का जब भारत लौटने की योजना बनाते वक्त फ्रांसीसी पुलिस के सामने आया तो मामले का पता चला.
फ्रांसीसी पुलिस की जानकारी पर सीबीआई ने 28 दिसंबर को तीन एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज किया है जो दिल्ली और फरीदाबाद में सक्रिय हैं. सीबीआई का आरोप है कि ललित डेविड डीन, संजीव राज और वरुण चौधरी नाम के इन एजेंटों ने लड़कों को फ्रांस भेजने के लिए 25 से 30 लाख रुपये तक लिए थे.
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, “पैरिस की ‘फ्रेंच फेडरेशन’ से मिले कथित इन्विटेशन के आधार पर बच्चों के लिए फ्रांस का वीसा लिया गया. सभी पैरिस गए और फिर एजेंटों ने उनकी वापसी की टिकट रद्द करा दी. लेकिन दो लड़कों को कुछ शक हुआ और वे वापस आने में कामयाब हो गए.”
सीबीआई की जांच में पता चला कि इन लड़कों को कपूरथला के दो स्कूलों का स्टूडेंट बताया गया था लेकिन स्कूलों ने बताया कि कोई भी उनका छात्र नहीं है.
सीबीआई आरोपियों से पूछताछ कर रही है.