US से निकाले जा सकते हैं 20 हजार से ज्यादा NRI

एक गैरसरकारी संस्था ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के नए फैसले का असर भारतीय मूल के हजारों लोगों पर हो सकता है. ऐसे हजारों लोग जो बचपन में अवैध तरीके से भारत से अमेरिका पहुंचे थे, अब अमेरिका से निकाले जा सकते हैं.

DACA

Young immigrants, activists and supporters of the DACA program march through downtown Los Angeles, California on September 5, 2017. Source: Frederic J Brown-AFP-Getty Images

डॉनल्ड ट्रंप ने डेफर्ड ऐक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल प्रोग्राम को खत्म करने की बात कही है. इसके तहत उन लोगों को अमेरिका से निकाल दिया जाएगा जो अपने बचपन में देश में आ गए थे. साउथ एशियन अमेरिकन्स लीडिंग टुगेदर नाम की संस्था का अनुमान है कि अमेरिका में ऐसे भारतीयों की संख्या 20 हजार हो सकती है.

अमेरिका के अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस ने मंगलवार को ऐलान किया था कि बराक ओबामा की सरकार के शुरू किए इस कार्यक्रम को खत्म किया जा रहा है. ओबामा सरकार ने इस प्रोग्राम के तहत कम उम्र में अवैध रूप से अमेरिका आए लोगों को वर्क परमिट दिए थे.

साउथ एशियन अमेरिकन्स लीडिंग टुगेदर ने एक बयान में कहा, "27 हजार से ज्यादा एशियन-अमेरिकन्स को पहले ही वर्क परमिट मिल चुका है जिनमें लगभग 5500 भारतीय और पाकिस्तानी हैं. एक अनुमान है कि कम से कम 17 हजार भारतीय और छह हजार पाकिस्तानी मूल के लोग इस परमिट के योग्य हैं."

अगर यह प्रोग्राम बंद हो जाता है तो ये सारे लोग प्रशासन के रहम ओ करम पर होंगे और प्रशासन चाहे तो उन्हें निर्वासित कर सकेगा. इस फैसले के विरोध में अमेरिका में कई जगह प्रदर्शन हुए हैं. साउथ एशियन बार असोसिएशन के अध्यक्ष ऋषि बग्गा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि इन बच्चों ने कानून नहीं तोड़ा था. उन्होंने कहा, "वे बच्चे थे, उन्होंने कानून नहीं तोड़ा था. इनमें से ज्यादातर युवा ऐसे हैं जो कभी अपने मूल वतन गए भी नहीं. बहुत से लोग तो उस वतन की भाषा भी नहीं बोलते. DACA को खत्म करने का मतलब इन लोगों से उस एकमात्र मुल्क में रहने का हक छीन लेना होगा जिसे वे जानते हैं."

एक अनुमान के मुताबिक अमेरिका में रहने वाले कम से कम आठ लाख लोग डॉनल्ड ट्रंप के इस फैसले से प्रभावित हो सकते हैं.


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By Vivek Asri


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