भारतीय नागरिक दैविक जीतेंद्र पटेल को 8 दिसंबर को विजिटर वीसा मिला था. 25 साल के पटेल ने अहमदाबाद से दिल्ली की फ्लाइट ली. दिल्ली आकर वह सिक्यॉरिटी चेक का इंतजार कर रहे थे कि उन्हें पंक्ति से हटा दिया गया.
पटेल ने एसबीएस को बताया, "मैं विमान में चढ़ने की तैयारी में था जब मेरे नाम की अनाउंसमेंट हुई. फिर मुझे लाइन से हटा दिया गया. दिल्ली एयरपोर्ट पर अधिकारी कुछ बताने को तैयार नहीं थे. उन्होंने बस इतना कहा कि ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों ने संदेश भेजा है कि मुझे प्लेन में बैठने ना दिया जाए."
पटेल बताते हैं कि 18 जनवरी को लाइन से हटाए जाने के बाद भी ऑनलाइन उनका वीसा वैलिड था. एक दिन बाद ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्रालय ने उनका वीसा रद्द किया.
गृह मंत्रालय का कहना है कि पटेल ने अपनी वीसा अर्जी में जो जानकारियां दी थीं, उनमें कुछ गड़बड़ियां पाई गईं. उन्होंने अर्जी में बताया था कि वह गुजरात के नरोदा में लकड़ी के दरवाजे बनाने का बिजनस करते हैं. लेकिन ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने जब 18 जनवरी को उनके दफ्तर फोन किया तो उनके मुताबिक उन्हें कुछ गड़बड़ी मिली.
अधिकारियों ने वीसा रद्द करने के कारणों में लिखा है कि प्रकृति वुडन इंडस्ट्रीज में फोन पर जिस शख्स से बात हुई, उसने खुद को दैविक का कज़न बताया और कहा कि दैविक उसके साथ शुरुआत से ही बिजनस पार्टनर है. लेकिन जब दैविक की बिजनस में भूमिका के बारे में विस्तार में जानकारी मांगी गई तो वह ज्यादा कुछ नहीं बता पाया जिससे अधिकारियों को संदेह हुआ. जैसे कि उसे नहीं पता था कि दैविक की तन्ख्वाह कितनी है. दैविक ने बिजनस से छुट्टी लेने के बारे में अपने पार्टनर का दस्तखत किया हुआ एक दस्तावेज अर्जी के साथ लगाया था जिस के बारे में उसके पार्टनर को जानकारी नहीं थी.
दैविक पटेल का कहना है कि उनका बिजनस पार्टनर सक्रिय रूप से बिजनस का हिस्सा नहीं है इसलिए उसे विस्तृत जानकारी नहीं थी.
वहकहतेहैं, "अगर उन्हें संदेह था तो वे मुझसे और सबूत मांग सकते थे. उन्होंने मुझे सफाई का कोई मौका नहीं दिया. मेरे टिकट और होटल बुकिंग के कितने पैसे बर्बाद हुए. मैं इतना अपमानित महसूस कर रहा हूं."
अब दैविक पटेल अपने माइग्रेशन एजेंट के जरिए इमिग्रेशन अधिकारियों के फैसले के खिलाफ अपील की तैयारी कर रहे हैं.