भारतीय मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने कहा है कि छह लोगों को नकली इमिग्रेशन स्टैंप्स और बैंक दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का कहना है कि ये लोग वीसा चाहने वालों के लिए फर्जी बैकग्राउंड बनाने का काम करते थे.
पुलिस के मुताबिक इन लोगों के पास 62 नकली पासपोर्ट और ऑस्ट्रेलिया, मलयेशिया, सिंगापुर व भारत की 28 नकली इमिग्रेशन स्टैंप्स बरामद हुई हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स अखबार के मुताबिक दिल्ली पुलिस के डेप्युटी कमिश्नर संजय भाटिया ने बताया कि इस गैंग की हरकतों का खुलासा तब हुआ जब सुनीता कुमारी और रविंद्र सिंह नाम के दो लोग कनाडा के वीसा पर कनाडा जा रहे थे लेकिन उनकी कोई इमिग्रेशन हिस्ट्री नहीं थी.
डीसीपी भाटिया ने बताया, "सिस्टम में इन दोनों के आने या जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं था. जांच में पता चला कि उनके पासपोर्ट पर फर्जी इमिग्रेशन मुहर लगी थीं. ऐसा संदेह हुआ कि इन लोगों की इमिग्रेशन हिस्ट्री फर्जी थी जो कनाडा का वीसा पाने के लिए बनाई गई थी. दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया."
पूछताछ के दौरान सुनीता और रविंद्र ने बताया कि वे कनाडा में बसना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में दुकान चलाने वाले विकी उर्फ जितेंद्र नाम के एजेंट से संपर्क किया.
भाटिया ने बताया कि कनाडा का वीसा बनाने के लिए जतिंद्र ने छह लाख रुपये लिए और फर्जी स्टैंप्स के जरिए नकल इमिग्रेशन हिस्ट्री और वीसा बनाकर दिये. इस काम में कई लोगों ने उसकी मदद की.
जतिंद्र और उसके पांच साथियों को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया गया है.