क्यों मुश्किल में आए भावेश
चेंज डॉट ओआरजी वेबसाइट पर शुरू की गई एक याचिका के मुताबिक भावेश साल 2001 से अमेरिका में हैं. साल 2017 से पहले वो बिना किसी परेशानी के यहां रह रहे थे लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आया जब साल 2017 में भावेश ने अमेरिकी नागरिक जेनी एडवर्ड से शादी के करीब एक साल बाद I-130 एप्लिकेशन दी. अब तक भावेश एक बच्चे के पिता भी बन चुके थे. इस एप्लीकेशन के ज़रिए भावेश अपने स्टेटस चेंज को अपडेट करना चाहते थे जिसके बाद वह अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते थे.
मैक्सिको बॉर्डर पार कर आए थे भावेश
अहम बात ये है कि भावेश 2001 में मैक्सिको बॉर्डर पार कर अमेरिका आए थे और साल 2004 में भी उन्हें डिपोर्ट करने का नोटिस भी मिला था. लेकिन तब किसी तरह कानूनी तौर पर वो अमेरिका में रहने में कामयाब रहे. लेकिन एक्टिंग ICE डायरेक्टर थॉमस होमान का कहना है कि नए नियमों के मुताबिक अमेरिका में गैरकानूनी तरीके से आए लोगों को यहां रहने की इजाज़त नहीं दी जा सकती है.
पत्नी के आरोप
भावेश की पत्नी का आरोप है कि ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन के नए इमिग्रेशन नियमों के चलते भावेश के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है जबकि भावेश के पास कानूनी वर्क परमिट के साथ-साथ ड्राइविंग लाइसेंस और सोशल सिक्योरिटी नंबर भी है. यही नहीं शादी के बाद से वो एक डेली शॉप भी चला रहे हैं.
बीमार है बेटा
जेनी बताती हैं कि उनका परिवार इस वक्त पूरी तरह मुसीबत में है. उनका बेटा भी हाइड्रोसेफलस नाम की बीमारी से जूझ रहा है. भावेश की कस्टडी के बाद जेनी को अपनी नौकरी भी छोड़नी पड़ी है उनके मुताबिक फिलहाल वो बिज़नेस को चलाने की कोशिश कर रही हैं.
अपील पर फैसला आना बाकी
उनके परिवार की मदद के लिए उन्होंने एक याचिका डाली है. उनका कहना है कि भावेश की उनकी अपील पर फैसला अभी बाकी है. और उनकी प्रशासन से गुज़ारिश है कि कोई फैसला आने तक भावेश को डिपोर्ट ना किया जाए.