कैंसर की शिकार स्टूडेंट के सिर पर खत्म होते वीसा की तलवार

हो सकता है आलमगीर और उनके पति को ऑस्ट्रेलिया छोड़ना पड़े. हालांकि इसका मतलब होगा कि आलमगीर को अपना कैंसर का इलाज भी बीच में छोड़ना पडेगा.

Yousra Alamgir

Yousra Alamgir and Shaifi Moazzem Source: Facebook

योसूरा आलमगीर का मेलबर्न एक अस्पताल में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज चल रहा है. लेकिन उन्हें और उनके पति शैफी मोअज्जाम को महीने भर में ऑस्ट्रेलिया से जाना पड़ सकता है.

बांग्लादेश से आईं इंटरनैशनल स्टूडेंट आलमगीर को अपने कैंसर का पता पिछले साल जुलाई में चला. और इसके साथ ही उनके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. सेहत तो खतरे में पड़ी ही, ऑस्ट्रेलिया में स्थायी नागरिक बन जाने के सपने पर भी आंच आने लगी.

आलमगीर 2014 में स्टूडेंट वीसा पर ऑस्ट्रेलिया आई थीं. वह मेलबर्न की आरएमआईटी यूनिवर्सिटी से अकाउंटिंग में मास्टर्स कर रही हैं. मोअज्जाम उनके साथ स्पाउस वीसा पर हैं. लेकिन जल्द ही उनका वीसा खत्म होने वाला है. और आलमगीर को डर ये सता रहा है कि वह वापस बांग्लादेश जाने पर जिंदा बची रहेंगी या नहीं.

से बातचीत में उन्होंने कहा, “सच कहूं तो मुझे वहां बहुत डर लगता है. यहां मेरा अच्छा इलाज हो रहा है. डॉक्टरों पर मैं भरोसा करती हूं. और सबसे बड़ी बात ये है कि मुझे लगता है सुधार हो रहा है. तो मैं चाहती हूं कि इलाज जारी रहे.”

आलगीर कहती हैं कि बांग्लादेश में चिकित्सा सुविधाएं इतनी अच्छी नहीं हैं, जितनी उनके अडवांस स्टेज कैंसर के इलाज के लिए चाहिए. आलमगीर का कैंसर उनके फेफड़ों तक फैल चुका है.

उनके पति मोआज्जम ने से बातचीत में कहा कि उन्हें किसी और देश में ले जाना और फिर से इलाज शुरू कराना छह महीने का वक्त लेगा, जिससे उनकी जान खतरे में पड़ सकती है.

मोआज्जम जो खेलों का सामान बनाने वाली एक कंपनी के लिए काम करते हैं, कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें कंपनी की तरफ से स्पॉन्सरशिप मिल जाए. उन्होंने द एज से कहा, “मैं उसे कहीं और ले जाने के बारे में नहीं सोचना चाहता. हम यहीं रहना चाहते हैं ताकि अच्छा इलाज हो.”

लेकिन फिलहाल मार्च में खत्म हो रहा वीसा इन दोनों को परेशान किए हुए है.


Share

Published

By विवेक आसरी

Share this with family and friends