ऑस्ट्रेलियाई फ़ेडरल पुलिस ने मंगलवार को एक भारतीय महिला को मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है.
इस महिला पर आरोप है की उन्होंने कथित रूप से पिछले साल एक सिडनी स्तिथ महिला और उसकी दो महीने की बेटी को भारत भेजा था और वो दो महीने की बच्ची का पासपोर्ट नष्ट कर दिया ताकि वो ऑस्ट्रेलिया वापिस ना लौट पाए.
मंगलवार को वो जब भारत जा रही थी तो उनको सिडनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया.
ये जांच पिछले साल 27 वर्षीय सिडनी स्तिथ आदमी, जिसने अपनी पत्नी और ऑस्ट्रेलिया में पैदा हुई अपनी बची को मार्च 2017 में अपनी इच्छानुसार भारत जाने के लिए मजबूर किया था, उससे जुडी हुई है.
ये आदमी को दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था, और उन पर मानव तस्करी, सामान्य बेईमानी और जालसाजी का आरोप लगाया गया है.
दिसंबर में गिरफ्तारी के बाद, एएफपी मानव तस्करी टीम ने तस्करी में कथित रूप से शामिल 45 वर्षीय भारतीय महिला के खिलाफ और आरोपों को साबित करने के सबूत इकट्ठा करना जारी रखा।
महिला के नाम का बॉर्डर अलर्ट जारी किया गया था, और २४ जुलाई को सिडनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एएफपी ने उसे गिरफ्तार कर लिया क्योंकि उसने देश छोड़ने का प्रयास किया था।
ये महिला को आज कोर्ट में हाज़िर किया जाएगा.
एएफपी के अधीक्षक डेन इवांस ने कहा कि यह कई लोगों के लिए एक असहज वास्तविकता है कि मानव तस्करी ऑस्ट्रेलिया में मौजूद हो सकती है और मौजूद है।
"मानव तस्करी कई रूप ले सकती है, और महत्वपूर्ण यह है कि इन कथित कृत्यों की सूचना हमे मिल रही है ताकि पीड़ितों को मदद और सहायता मिल सके। एएफपी एंटी-स्लेवेरी ऑस्ट्रेलिया समेत कई गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम करता है, ताकि ये मामले सामने आए, "जासूस अधीक्षक इवांस ने कहा।