ऑस्ट्रेलिया आने वाले इंटरनैशनल स्टूडेंट्स की संख्या 99% घटी

ऑस्ट्रेलियन ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के ताजा आंकड़े बताते हैं कि बीते जनवरी महीने में ऑस्ट्रेलिया आने वाले अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है।

A Qantas plane is seen as passengers walk to their flights at Sydney International Airport in Sydney.

Passengers walk to their flights at Sydney International Airport. Source: AAP Images/Lukas Coch

इस साल के पहले महीने में ऑस्ट्रेलिया में सिर्फ 360 विदेशी छात्र आए। पिछले साल यानी 2020 में इसी महीने में 91,250 छात्र आए थे। यानी इस साल जनवरी में 99.6 प्रतिशत छात्र कम आए।


मुख्य बातेंः

  • इस साल के पहले महीने में ऑस्ट्रेलिया में सिर्फ 360 विदेशी छात्र आए।
  • पिछले साल यानी 2020 में इसी महीने में 91,250 छात्र आए थे।
  • मौजूदा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल देश में तीन लाख 74 हजार स्टूडेंट वीसा धारक हैं।
इंटरनैशनल एजुकेशन असोसिएशन ऑफ ऑस्ट्रेलिया (IEAA) के सीईओ फिल हनीवुड कहते हैं कि यह गिरावट हैरतअंगेज नहीं है।

से बातचीत में उन्होंने कहा, “दुनिया की एजुकेशन मार्किट्स में एक ऑस्ट्रेलिया ही है जिसकी सीमाएं पूरी तरह बंद हैं। लिहाजा यह गिरावट हैरान नहीं करती।”
Phil Honeywood
International Education Association of Australia CEO Phil Honeywood. Source: IEAA
इस महीने की शुरुआत में उप-प्रधानमंत्री माइकल मैकॉरमक ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया जुलाई में ट्रैवल बबल शुरू करने के लिए सिंगापुर के साथ बातचीत कर रहा है।
सिडनी मॉर्निंग हेरल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर यह समझौता हो जाता है तो अंतर्राष्ट्रीय छात्र सिंगापुर होते हुए ऑस्ट्रेलिया आ सकेंगे। इसके लिए उन्हें सिंगापुर में दो हफ्ते का एकांतवास पूरा करना होगा।

इस समझौते को लेकर फिल हनीवुड भी उत्साहित हैं। वह कहते हैं कि यह ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा क्षेत्र की बढ़ती चिंताओं का एक हल हो सकता है।
वह कहते हैं, “नॉर्दर्न टेरिटरी ने एक अच्छी मिसाल कायम की है। पिछले सितंबर में चार्ल्स डार्विन यूनिवर्सिटी के 63 छात्र सिंगापुर के रास्ते वापस आए थे। वे उन्हीं पांच देशों चीन, हॉन्ग कॉन्ग, दक्षिण कोरिया, वियतनाम और जापान के थे जिन्हें सिंगापुर ने अपने यहां से ट्रांजिट की इजाजत दी थी।”

मौजूदा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल देश में तीन लाख 74 हजार स्टूडेंट वीसा धारक हैं। महामारी से पहले यह संख्या पांच लाख 80 हजार थी।

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Published 18 March 2021 12:07pm
By Avneet Arora

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