रमनप्रीत सिंह ने पिछले एक साल में तीन बार ऑस्ट्रेलिया के लिए वीसा अप्लाई किया था. वह भारत में स्कूली छुट्टियों के दौरान अपने पिता और सौतेली मां से मिलने के लिए ऑस्ट्रेलिया आना चाहता था.
हरमनदीप सिंह के पिता हरिंदर सिंह ने एसबीएस पंजाबी को बताया, "मैंने तीन साल से अपने बेटे को नहीं देखा है. तीन बार हम उसका वीसा अप्लाई कर चुके हैं लेकिन हर बार एक ही वजह से अर्जी खारिज हो जाती है."
2012 में हरिंदर सिंह की पत्नी का भारत में एक सड़क हादसे में निधन हो गया था. 2015 में उन्होंने दोबारा शादी की और अपनी पत्नी के साथ डिपेंडेंट वीसा पर वह ऑस्ट्रेलिया आ गए. तब हरमनप्रीत उनके साथ आया था लेकिन अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए वापस भारत चला गया था.

Harmanpreet Singh with his father and stepmother in Melbourne in 2015. Source: Supplied
बाद में इस परिवार ने पर्मानेंट रेजिडेंसी के लिए अप्लाई किया लेकिन वे कामयाब नहीं हुए और उन्हें ब्रिजिंग वीसा मिल गया. इस कारण वे ऑस्ट्रेलिया नहीं छोड़ सकते.
इस दौरान हरमनप्रीत भारत में अपनी दादी के साथ ही रह रहा है. उसने पिछले साल पहली बार विजिटर वीसा के लिए अप्लाई कि था लेकिन डिपार्टमेंट ने उसे वीसा नहीं दिया.
हरिंदर सिंह ने गृह मंत्री पीटर डटन को निजी तौर पर भी लिखा था. वह बताते हैं कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा सूचना देने को कहा गया.
वह बताते हैं, "मैंने भारत में अपनी प्रॉपर्टी के डॉक्युमेंट्स लगाए. अपने बेटे के स्कूल से चिट्ठी भी लिखवाई. भारत में कोर्ट का जारी किया हुआ गार्डियनशिप सर्टिफिकेट भी लगाया जिसमें मेरी मां का नाम है. लेकिन वीसा अफसर के लिए यह सब काफी नहीं था."
28 मई को तीसरी बार हरमनप्रीत सिंह की वीसा अर्जी खारिज हो गई. हरिंदर कहते हैं, "हमें नहीं पता कि उन्हें और क्या सबूत चाहिए कि मेरा बेटा भारत लौटेगा. मैं बॉन्ड तक देने को तैयार हूं."

Source: Supplied
मेलबर्न में एक वेल्डर के तौर पर काम करने वाले हरिंदर कहते हैं के बेटे से इतने लंबे समय तक दूर रहने के कारण वह बहुत ज्यादा तनाव में हैं.
हमने गृह मंत्रालय से इस बारे में टिप्पणी के लिए संपर्क किया है.